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स्टार्ट- अप इंडिया
"स्टार्टअप इंडिया - स्टैंडअप" इंडिया योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने स्वतंत्रता दिवस 2015 के भाषण में घोषित की और 16 जनवरी 2016 को प्रारंभ हुई.
स्टार्ट अप क्या है – यदि कोई बिज़नेस निम्नलिखित शर्तें पूरी करता है तो स्टार्ट अप माना जायेगा -
- साधारण स्टार्ट अप के लिये निगमन / पंजीकरण की तिथि से 7 साल तक और जैव प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के लिए के लिए ऊपर और 10 वर्ष तक
- प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या पंजीकृत साझेदारी फर्म या सीमित देयता भागीदारी के रूप में पंजीकृत
- किसी भी वित्तीय वर्ष के लिए कारोबार 25 करोड़ रुपये से अधिक नहीं
- इकाई का गठन पुराने व्यवसाय या पुनर्निर्माण या विभाजन करके नहीं किया गया हो
- रोजगार सृजन या धन सृजन का एक उच्च क्षमता के साथ एक स्केलेबल व्यापार मॉडल हो जो नवाचार, विकास या उत्पादों या प्रक्रियाओं या सेवाओं के सुधार के लिये हो
स्टार्ट अप को मिलने वाले लाभ -
- स्टार्ट अप कारोबारियों को व्यावसाय शुरू होने के पहले तीन साल तक मुनाफे पर इनकम टैक्स से छूट होगी.
- ऐसे उद्यमों में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों व्दारा किए गए निवेश के बाद अपनी संपत्ति बेचने पर 20% की दर से लगने वाले पूंजीगत लाभ टैक्स से भी छूट होगी.
- सरकार की ओर से एक राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्ट कंपनी बनाने का प्रस्ताव है जिसमें अगले चार साल तक सालाना 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया जाएगा.
- पेटेंट पंजीकरण में इन उद्यमों को पंजीकरण शुल्क में 80% छूट दी जायेगी.
- दिवाला कानून में स्टार्ट अप उद्यमों को कारोबार बंद करने के लिए सरल निर्गम विकल्प देने का प्रावधान भी किया जायेगा। इसके तहत 90 दिन की अवधि में ही स्टार्ट अप अपना कारोबार बंद कर सकेंगे.
- छात्रो के लिए इनोवेशन के कोर्स शुरू किये जायेंगे और 5 लाख विद्यालयों में 10 लाख बच्चो पर फोकस किया जायेगा.
- स्व:प्रमाणन आधारित अनुपालन व्यवस्था से स्टार्टअप पर नियामकीय बोझ कम होगा.
- स्टार्टअप को वित्तपोषण का समर्थन देने के लिये सरकार 2,500 करोड़ रुपये का शुरुआती कोष बनाएगी जिसमें अगले 4 साल के दौरान कुल 10,000 करोड़ रूपये का कोष होगा.
- सरकार इन उद्यमों को सरकारी खरीद एवं सरकारी ठेकों में भी कई तरह की छूट देगी. स्टार्ट अप उद्यमों को सरकारी ठेकों में अनुभव और कारोबार सीमा के मामले में छूट दी जायेगी./li>
- इसमें महिलाओ के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है.
भारत में स्टार्ट अप की असफलता के कारण – एक अनुमान के अनुसार 100 में 90 स्टार्ट अप फेल होते रहे हैं. इसके प्रमुख कारण हैं -
- बाज़ार में एक ही प्रकार के स्टार्ट अप की भीड़
- बिना बाज़ार की मांग को जाने प्रारंभ किये गये स्टार्ट-अप
- विस्तार का प्रबंधन न कर पाना
- अच्छे कर्मचारियों की कमी
- प्रतिभा की कमी