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नारी हिन्द की

नारी अभिमान है, हर घर का सम्मान है,
पूज्या है आराध्या है, आदि है अनंत है...
नारी के बिना यह जीवन क्लांत है,
हर यात्रा !! नारी से शुरू होकर, नारी पर समाप्त होती है...
यह वो रूप है जो, साथ रहता जीवन पर्यंत है.
नारी विश्वास है... प्यार का एहसास है,
स्निग्ध हो या कोमल, या झुर्रियों वाला..
हर रूप उसका कर देता है मत्तवाला...
नारी ना परेशान है और, ना ही उसे थकान है,
दो कदम आगे चलने वाली, वो शिव की, पहचान है.
क्यों ??आंक रहे हो उसे!! महिला सशक्तिकरण का
नारा देकर!!
प्रकट कर रहे हो, वो अबला है अशक्त है...
बार-बार, यह कह कर.
नारी तो ऊर्जा है, सर्व शक्तिमान है,
नारी में तो बसा, यह पूर्ण हिंदुस्तान है.
जिन्हे नारी दिवस मनाना है, वो शौक से मनाएं,
मगर याद रहे की शेष, तीन सौ चौसठ दिन भी
वो नारी को ना भुलाएं...

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