पहेलियाँ
विज्ञान पहेलियाँ
रचनाकार- डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
- मैं पौधों में ऐसे लिपटूं,
जैसे उसका अंग.
पौधों से ही पोषण पाता,
पीला-पीला रंग.
- मैं पौधा हूँ एक अनोखा,
कीड़ों को मैं खाऊं.
1759 में मुझको खोजा,
बोलो क्या कहलाऊँ?
- मैं पौधा हूँ एक अजूबा,
मेरे जैसा कोउ न दूजा.
कीट पतंगों को मैं खाता,
आकार घड़े के जैसा पाता.
- कुछ पौधे हैं अजब निराले,
सड़ी चीजों से पोषण पाते.
मृत पदार्थ आहार है इनका,
बोलो बच्चों क्या कहलाते?
- दूसरों से मैं भोजन पाऊँ,
छतरी जैसा अंग.
मुझे पकाकर बच्चों खाओ,
प्रोटीन मेरे संग.
उत्तर- 1. अमरबेल, 2. वीनस फ्लाई ट्रैप, 3. नेपेन्थीज, 4. मृतोपजीवी, 5. कुकुर मुत्ता
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बाल पहेलियाँ
रचनाकार- डॉ कमलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
- तम को दूर भगाने वाला,
तीन अक्षर का मेरा नाम।
प्रथम हटे तो 'पक' बन जाता,
नाम बताओ भोलू राम.
- ऐसा त्योहार अनोखा बच्चों,
जग रोशन कर देता.
चहुंदिश चलती फुलझड़ियाँ,
तुम से कुछ न लेता.
- तीन अक्षर का मेरा नाम,
हर त्योहार में मुझको खाओ.
प्रथम अक्षर 'म'है मेरा,
झटपट मेरा नाम बताओ.
- तम को दूर भगाने वाली,
दीपक मुझको समझ न लेना.
प्रथम अक्षर 'झ 'मेरा,
नाम मेरा बच्चों अब कहना.
- धूम-धड़ाका खूब करूँ मैं,
तीन अक्षर का मेरा नाम.
अंतिम अक्षर 'ख' है मेरा,
नाम बताओ भोलूराम.
उत्तर- 1. दीपक, 2. दीपावली, 3. मिठाई, 4. झालर, 5. पटाखा
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