चित्र देख कर कहानी लिखो
चित्र देख कर कहानी लिखो
पिछले अंक में हमने आपको यह चित्र देख कर कहानी लिखने दी थी –
हमें जो कहानियाँ प्राप्त हुई हम नीचे प्रदर्शित कर रहे हैं
संतोष कुमार कौशिक द्वारा भेजी गई कहानी
कुम्हार और कबूतर
इंसानों का सफल होना, उनके विचारों पर निर्भर करता है. एक पाजीटिव सोच इंसान की, पूरी लाइफ बदल सकता है. इसे समझने के लिए एक कहानी, मैं सुनाता हूँ. कुम्हार और कबूतर की है कहानी, उसे बताता हूँ. एक गांव में श्याम नाम का कुम्हार रहता था. बच्चों के लिए मिट्टी के सुंदर खिलौने बनाता था. श्याम पैसा कमाने की चाह में, कुछ अलग बनाने का विचार किया. खिलौने तो बनाता ही हूँ, इस बार चिलम बनाने का निर्णय लिया. कुम्हार मिट्टी इकट्ठा की, पानी डाला और गुथना शुरू कर दिया. इतने में कबूतर वहाँ पहुँचकर, कुम्हार से कुछ प्रश्न किया. कुम्हार भैया, आज आप इतनी ज्यादा मिट्टी गुथकर क्या बनाओगे. कुम्हार बोला, आजकल चिलम बड़े फैशन में है खूब बिकेगी तुम देखते रह जाओगे. अधिक से अधिक चिलम बनाकर बाजार ले जाऊँगा. इसे बेचकर मोटी रकम कमाऊँगा. कबूतर ने कहा-गर्मी आ रही है चिलम छोड़, सुराही बनाओ. अपना विचार बदल लोगों को जहर नहीं, ठंडा जल पिलाओ. कबूतर की सलाह से उसने अपना विचार बदल दिया. चिलम छोड़ इस बार सुराही का रूप दिया. जैसे ही सुराही का आकार देना शुरू किया, मिट्टी से आवाज आई. पहले तो कुछ और रूप दे रहा था, अब कुछ और रूप दे रहे हो भाई. मेरा विचार बदल गया, इसलिए तुम्हें सुराही का रूप दे रहा हूँ माई. मिट्टी बोली-तेरा तो विचार बदला मेरी तो जिंदगी ही बदल गई भाई.
वो कैसे?
अगर चिलम बनती तो मुझ पर आग भरी जाती. खुद भी जलती और दुनिया को भी जलाती. अब सुराही बनी हूँ, जल से भरी रहूँगी. खुद भी शीतल रहकर, दुनिया को भी ठंडक रखुँगी. मिट्टी की बातों को सुनकर कुम्हार अपने विचारों पर गर्व किया. जिसके वजह से यह संभव हुआ उस कबूतर को धन्यवाद दिया. सही कहा है- इंसानों का सफल होना विचारों पर निर्भर करता है. एक पाजीटिव सोच से अपनी जिंदगी और दुनियां बदल सकता है.
अगले अंक की कहानी हेतु चित्र
अब आप दिए गये चित्र को देखकर कल्पना कीजिए और कहानी लिख कर हमें यूनिकोड फॉण्ट में टंकित कर ई मेल kilolmagazine@gmail.com पर अगले माह की 15 तारीख तक भेज दें. आपके द्वारा भेजी गयी कहानियों को हम किलोल के अगले अंक में प्रकाशित करेंगे