पहेलियाँ

रचनाकार-डॉ.कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव

  1. कभी हरा हूँ, कभी हूँ लाल,
    मिल सब्जी में स्वाद बढ़ाऊँ.
    खट्टा हूँ पर नही करौंदा,
    झट से बोलो क्या कहलाऊँ.

  2. कभी हरी हूँ, कभी हूँ लाल,
    मैं सब्जी का स्वाद बढ़ाती.
    खाने पर मैं करूँ कमाल,
    बोलो बच्चों क्या कहलाती.

  3. कभी हरा तो कभी हूँ पीला,
    लोग कहें सब मुझे रसीला.
    प्यारे बच्चो, नाम बताओ,
    नाम बता कर टॉफी पाओ.

  4. हरे रंग की काया मेरी
    मुँह है मेरा लाल,
    तीखी मिर्ची मुझको भाती
    बतलाओ तत्काल.

  5. काले रंग का ऐसा पक्षी,
    एक आंख से देखे.
    पंछी चतुर सयाना है वो
    करता काम अनोखे.

  6. बोली मेरी बहुत सुरीली
    बागों की मैं रानी
    सभी जगह मैं आदर पाती
    बोलूं मीठी वानी.

  7. सभी पक्षियों का मैं जा,
    काया मेरी सुंदर.
    केवल मोती चुगता हूँ मैं,
    मान सरोवर घर.


उत्तर:-1. टमाटर 2. मिर्ची 3. नींबू 4. तोता 5. कौआ 6. कोयल 7. हंस

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