पहेलियाँ
रचनाकार-टीकेश्वर सिन्हा 'गब्दीवाला'
- एक छोटे कद का जानवर,
कहते कम अक्ल का.
पर होता मेहनतकश,
घोड़े का हमशक्ल का.
- वर्गाकार खेत में होते,
बीस कुशल मजदूर.
खेत के हर कोने में,
होते कुएँ दूर-दूर.
-
नीले सीलिंग पर,
दिन भर एक पंखा चलता.
और रात होते ही,
फिर पंखा बदलता.
- हल चलता जाए.
बीज पड़ता जाए.
फसल उगती जाए.
क्यारी बनती जाए.
- तीन अक्षरों का नाम,
उल्टा-सीधा एक समान.
नदी-ताल की आन,
राष्ट्र की है एक शान.
उत्तर:-1.गधा, 2. कैरम बोर्ड, 3. आसमान, 4. पेन, 5. जलज