पहेलियाँ

रचनाकार- दिलकेश मधुकर

  1. मीठी जिसकी बोली,रंग है जिसकी काली.
    कुहू-कुहू आवाज निकाले,है लगती निराली.

  2. रंग-बिरंगी पंखों वाली,मेघ देख नृत्य दिखाए
    कृष्ण मुकुट में सजे,जल्दी कोई नाम बताए..

  3. लाल कलगी वाला,सुबह सबको जगाता.
    घर आंगन में घूम-घूमकर,सबको भगाता.

  4. हरे रंग देह और,लाल रंग का चोंच.
    खाकर मिर्च बोले,नकल बनाए सोच.

  5. कौए से जंग जीत लिया,ऐसी है जिसकी कहानी.
    तनिक भी घमंड नहीं,करे अलग दूध और पानी.

  6. दिन को जो आराम करें,रात में करें सैर.
    बच्चों को दूध पिलाए,लटके उल्टे पैर.

  7. नदी किनारे खड़ा रहे,मारे एकटक नैन.
    जब तक मीन न पकड़े,न मिले उसे चैन.

  8. पितर का तर्पण खाए,बोले अपनी बात.
    कांव-कांव करता रहे,काले रंग की जात.

  9. राजा के बाग में नहीं,पर राजकीय कहलाए.
    मानुष बोली बोले,अपनी पहचान बतलाए..

  10. अंडा बिके बीच बाजार,दर्जन भर सौ पचास.
    बन तंदूरी और कबाब,स्वाद लगे खासमखास..

उत्तर- 1.कोयल 2.मोर,3. मुर्गा 4. तोता 5. हंस 6. चमगादड़ 7.बगूला 8.कौआ 9.मैना 10. मुर्ग़ी

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