चित्र देख कर कहानी लिखो

पिछले अंक में हमने आपको यह चित्र देख कर कहानी लिखने दी थी –

हमें जो कहानियाँ प्राप्त हुई हम नीचे प्रदर्शित कर रहे हैं

संतोष कुमार कौशिक द्वारा भेजी गई कहानी

शैक्षिक भ्रमण

बच्चे बहुत खुश थे क्योंकि शिक्षक उन्हें शैक्षिक भ्रमण हेतु शहर के उद्यान ले गए थे. उस उद्यान में कई प्रकार के जीव जंतु,पशु-पक्षी जैसे- कछुआ मेंढक,मछलियाँ,विभिन्न प्रकार की चिड़ियाँ, शेर, भालू, हिरण,जेब्रा,जिराफ आदि थे.

शिक्षक ने सभी बच्चों को उद्यान के जीव-जंतु एवं पेड़-पौधों को बिना क्षति पहुँचाए,सुरक्षित रहते हुए अपने-अपने समूह में घूमने की अनुमति दे दी. साथ ही उद्यान में जीव-जंतु,पशु-पक्षी,पेड़-पौधों आदि के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने को कहा. साथ ही यह भी कहा कि भोजन के पश्चात हम सभी एकत्र होकर बैठेंगे और तब सब लोग समूह वार अपने-अपने अनुभवों के बारे में बताएँगे.

सभी बच्चे अपने-अपने समूह में अपनी रुचि के अनुसार घूमने लगे. मौज मस्ती करते रहे.साथ ही शिक्षक के दिए गए कार्यों को भी ध्यान में रखते हुए उद्यान का आनंद लेते रहे.

दोपहर के भोजन के बाद बच्चों की सभा हुई जिसमें गीत,कविता,एवं उद्यान से संबंधित समूहवार सभी ने अपने अनुभव प्रस्तुत किए.तत्पश्चात शाम ढलने के पहले सभी उद्यान से वापस लौट आए. यह दिन बच्चों के लिए कभी न भूलने वाला यादगार दिन बन गया था.

यशवंत कुमार चौधरी द्वारा भेजी गई कहानी

एक गाँव में बच्चे पढ़ते लिखते और खेलते हुए आनंदित रहते थे. एक दिन बच्चों ने सोचा कि क्यों ना हम सब इस बार अवकाश में पास के जंगल में भ्रमण के लिए जाएँ और पूरे दिन जानवरों के साथ आनंदपूर्वक बिताएँ. एक बच्चा बोला,मैं तो बंदर के संग नाचूँगा. दूसरा बच्चा बोला मैं कछुए की पीठ पर बैठकर सैर करूँगा.एक और बच्चे ने कहा मैं अपनी बहन के साथ जिराफ की सवारी करूँगा,वाह कितनी लंबी गर्दन होगी और बहुत ऊँचा भी होगा न जिराफ. मजा आ जाएगा,जिराफ की पीठ से मैं ज्यादा दूर तक देख सकूँगा. एक बच्ची ने कहा मैं प्यारी बत्तख से मिलूँगी,उसके साथ बतियाउँगी एक बच्चा बोला वाह कितना मजा आएगा जब हमारे साथ जिराफ बाघ साँप भालू जिराफ जैसे जंगल के जानवरों की टोली होगी.एक बच्चे ने फिर कहा हाँ -हाँ वहाँ शहद खाने वाले और मधुमक्खी से बचने पानी में डुबकी लगाने वाले काले भालू भी होंगे न? तब तो सचमुच मजा आएगा. एक बच्चे ने कहा मुझे जंगल का शांत स्वच्छ पक्षियों की चहचहाट युक्त सुगन्धित वातावरण और हरियाली खूब आनंदित करती है. इस तरह वार्तालाप के बाद बच्चों की जंगल सैर करने की योजना बन गई. रविवार को उन्होंने जंगल की सैर की,उन्हें बहुत मजा आया यह भ्रमण सबके लिए यादगार रहा.

अगले अंक की कहानी हेतु चित्र

अब आप दिए गये चित्र को देखकर कल्पना कीजिए और कहानी लिख कर हमें यूनिकोड फॉण्ट में टंकित कर ई मेलkilolmagazine@gmail.com पर अगले माह की 15 तारीख तक भेज दें. आपके द्वारा भेजी गयी कहानियों को हम किलोल के अगल अंक में प्रकाशित करेंगे

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