पहेलियाँ

रचनाकार- रीता मण्डल

1.
तीन अक्षर का मेरा नाम,
ज्ञान देना मेरा काम.
सभी चीजें सिखाती हूं,
ज्ञाता तुम्हें बनाती हूं.

2.
बीमार नहीं ये रहती,
फिर भी खाती गोली.
बच्चे बूढ़े डर जाते,
सुनकर इसकी बोली.


3.
तीन अक्षर का मेरा नाम,
मुझे देख रुक जाए काम.
प्रथम कटे तो दोस्त बन जाए,
मध्य कटे तो सिर बन जाए.

4.
दो भाई एक रंग के,
गहरा है इनका नाता.
एक दूजे से बिछुड़ जाए तो,
काम न कोई आता.

5.
दिखने में छोटी सी होती,
गज़ब भरा है ज्ञान.
इसको पढ़कर बन सकते हैं,
बहुत बड़े विद्वान.

उत्तर :- 1. किताब 2. बंदूक 3. सियार 4. जूते 5. किताब

रचनाकार टीकेश्वर सिन्हा ' गब्दीवाला'

1.
सावन माह का उपहार है.
रिश्ते-नातों का आधार है.
भाई-बहन का प्यार है.
बूझो कौन- सा त्योहार है?

2.
दो नवराष्ट्रों का उद्गार हुआ.
स्वतंत्र भारत साकार हुआ.
हाँ, हाँ, बूझो, बूझो तो,
हमारा राष्ट्रीय त्योहार है?

3.
देह होती है चमकीली,
है वह जल की रानी.
उस सुंदर आँखों वाली से,
बनती नदी-ताल की कहानी.

4.
पूरी दुनिया में छा गई,
एक वैश्विक महामारी है.
है छोटा- सा वायरस,
बहुत गंभीर बीमारी है.

5.
धरती से बहुत ऊपर,
आसमान के खूब नीचे.
घड़े में पानी लेकर,
सभी ओर वो सींचे.

उत्तर :--- 1. रक्षाबंधन 2. स्वतंत्रता दिवस 3. मछली 4. कोरोना 5. बादल

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