संपादक – डा. आलोक शुक्ला
सह-संपादक – एम. सुधीश
संपादक मंडल –
राजेंद्र कुमार विश्वकर्मा,
शेख अजहरुद्दीन
प्यारे बच्चों,
यह त्योहारों का मौसम है. कुछ समय पहले आपने नवरात्रि और दशहरे का त्योहार मनाया था. यह बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है. अब कुछ ही दिन में दीवाली का त्योहार आने वाला है. इस दिन आप सब अपने घरों को दियों से सजाएंगे. दीवाली के दिन लक्ष्मी अर्थात् धन की पूजा होती है. पुराने समय में वणिक वर्ग के लोग दीवाली से ही नया खाता बही भी शुरू करते थे, अर्थात् दीवाली से हमारे देश में नया वित्तीय वर्ष भी शुरू होता था. दीवाली में फटाके भी चलाए जाते हैं. फटाके चलाते समय सावधानी रखना ज़रूरी है. कभी-कभी असावधानी से दुर्घटना भी हो सकती है.
किलोल को आपका प्यार सदा ऐसे ही मिलता रहे और आप न केवल किलोल पढ़ते रहें बल्कि उसके लिये कहानी, गीत, कविताएं, पहेलियां, चुटकुले आदि भेजते रहें. हम इसे बच्चों की सबसे प्यारी पत्रिका बनाने के लिए संकल्पित हैं. हमेशा की तरह किलोल http://alokshukla.com/Books/BookForm.aspx?Mag=Kilol पर नि:शुल्क डाउनलोड के लिये उपलब्ध है.
आलोक शुक्ला