चित्र देखकर कहानी लिखो
पिछले अंक में हमने आपको कहानी लिखने के लिये यह चित्र दिया था –
इस चित्र पर श्रीमती लक्ष्मीा मधुकर की कहानी नीचे प्रकाशित की जा रही है -
खुशहालपुर
लेखिका - श्रीमती लक्ष्मी मधुकर
खुशहालपुर गांव के सभी किसान और वहां के रहने वाले हमेशा खुशी खुशी जीवन यापन कर रहे थे. वहां मेघ देवता वरुण की बड़ी कृपा थी. वहां कभी सूखा या अकाल नहीं पड़ा था. खुशहालपुर गांव के चारों ओर घने पेड़ों का जंगल था.
कुछ वर्ष बीत जाने के बाद वहां एक कारखाना बनाने वाले आए और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई करने लगे. इससे पूरा जंगल नष्ट हो गया. अब की बार वर्षा नहीं हुई. वर्षा के अभाव में गांव सूखाग्रस्त हो गया और अकाल से लोगों का जीना दूभर हो गया. गांव के मुखिया पीतांबर सिंह, गोटिया सज्जन सिंह और गांव के एकमात्र पढ़े-लिखे गोवर्धन जी ने चौपाल में बैठकर इस समस्या से निपटने के लिए विचार विमर्श किया. उन्होंने फैसला किया कि अधिकाधिक पेड़ पौधे लगाना चाहिए और पानी को रोकने के लिए बांध और तालाब का निर्माण किया जाना चाहिए. इसके लिए लोगों को जागरूक भी करना होगा.
उन्होंने लोगों को जागरुक किया और सरकारी योजना के सहयोग से ढेर सारे पौधे रोपित किए और बहुत से तालाब बनवाए. कुछ वर्षों में फिर से पहले जैसा हरा भरा जंगल बन गया. अब अच्छी वर्षा होने लगी और फसल की पैदावार में वृध्दि हुई. अब फिर से लोगों का जीवन उनके गांव के नाम के अनुसार ही खुशहाल हो गया.
अब आप इस चित्र को देखकर कहानी लिखें और हमें dr.alokshukla@gmail.com पर भेज दें. अच्छी कहानियां हम किलोल के अगले में प्रकाशित करेंगे.