सामान्‍य ज्ञान

आश्चर्यों से भरा अंतरिक्ष

लेखिका - कु. नाजिया खान कोण्टा जिला - सुकमा

सूर्य से पृथ्वी पर आने वाला प्रकाश 30 हजार वर्ष पुराना होता है - सूर्य से पृथ्वी की दूरी तो मात्र 8.3 प्रकाश मिनट है. फिर ऐसा कैसे हो सकता है? यह सच है कि प्रकाश को सूर्य से पृथ्वी तक आने में 8.3 मिनट ही लगते हैं, किंतु जो प्रकाश हम तक पहुंच रहा है उसे सूर्य की कोर से उसकी सतह तक आने में 30 हजार वर्ष लगते हैं और वह सूर्य की सतह पर आने के 8.3 मिनट पश्चात् पृथ्वी तक पहुंचता है, यानि कि जो प्रकाश आखिरकार धरती पर पहुंचता है वह 30 हजार वर्ष पुराना होता है.

अंतरिक्ष में ध्वनि एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं जा सकती - ध्वनि को एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए किसी न किसी माध्यम की आवश्यकता होती है और अंतरिक्ष में निर्वात होने के कारण ध्वनि को गति के लिए कोई माध्यम उपलब्ध नही हो पाता.

शनि ग्रह का घनत्व - शनि ग्रह का घनत्व इतना कम है कि यदि कांच के किसी विषालाकार बर्तन में पानी भरकर शनि को उसमें डाला जाए तो वह उसमें तैरने लगेगा.

बृहस्पति ग्रह का आकार - बृहस्पति ग्रह इतना बड़ा है कि यदि शेष सभी ग्रहों को आपस में जोड़ दिया जाए तो वह संयुक्त ग्रह भी बृहस्पति से छोटा ही रहेगा.

शुक्र का घूर्णन - शुक्र ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जो घड़ी की सुई की दिशा में यानि क्लाकवाइज घूमता है.

चन्द्रमा का आयतन - चन्द्रमा का आयतन प्रशांत महासागर के आयतन के बराबर है.

शनि के वलय-शनि के वलय की परिधि 500000 मील है, जबकि उसकी मोटाई मात्र एक फुट है.

ग्रह से बड़ा उपग्रह - बृहस्पति का उपग्रह, जिसका नाम गेनीमेड है, बुध ग्रह से भी बड़ा है.

लेटा हुआ ग्रह - यूरेनस की अक्षीय स्थिति के कारण उसे ‘लेटा हुआ ग्रह‘ भी कहते हैं.

ग्रहों के रंग - शनि को पीला, पृथ्वी को नीला, यूरेनस को हरा, मंगल को लाल ग्रह भी कहते हैं

कौन से ग्रह नंगी आंखों से दिखते हैं - हमारे सौर मंडल में 8 ग्रह हैं, लेकिन हम रात में नंगी आंखों से सिर्फ पांच - बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि ग्रह ही देख सकते हैं. यूरेनस (अरूण) और नेपच्यून (वरूण) पृथ्वी से बहुत दूर होने के कारण नंगी आंखों से नहीं देखे जा सकते.

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