सामान्‍य ज्ञान

मकर संक्रांति का पर्व

आप सब जानते ही हैं कि धरती अपने अक्ष पर लगभग 23.5 अंश झुकी हुई है. इसी कारण धरती से देखने पर सूर्य उत्तर-दक्षिण दिशा में चलता प्रतीत होता है और इसी कारण धरती पर मौसम भी बदलते हैं. जब सूर्य भूमध्य रेखा के 23.5 अंश पर मकर रेखा तक पहुंच जाता है तब उत्तरी गोलार्ध में सबसे अधिक सर्दी होती है. इसके बाद सूर्य पुन: उत्तर की ओर आने लगता है. इसे ही उत्तरायण अथवा मकर संक्रान्ति कहा जाता है. यह त्योहार जनवरी माह के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन ही पड़ता है. यह त्योहार पूरे भारत और नेपाल में मनाया जाता है. उत्तर भारत में इसे मकर संक्रान्ति कहते हैं. तमिल नाडु में पोंगल और कर्नाटका केरल तथा आंध्र प्रदेश में केवल संक्रान्ति ही कहते हैं. हरियाणा और पंजाब में इसे लोहड़ी के रूप में मनाते हैं. महाराष्ट्र में इसे हल्दीै कुमकुम का त्योहार कहते हैं. बिहार में इसे खिचड़ी कहा जाता है. इस दिन दान करने और तिल-गुड़ तथा खिचड़ी खाने की प्रथा है. इस दिन लोग नदियों के किनारे पिकनिक भी मनाते हैं और शकरकंदी तथा मूंगफली खाते हैं. इस दिन पतंग भी उड़ाई जाती है.

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