बालगीत-1
चौदह (14) का पहाड़ा गीत
लेखक - रोहित सलवम, कक्षा- 8वीं, शा.क.मा.शा.कोण्टा, सुकमा
चौदह आदमी आते हैं, झाडू पकड़कर जाते हैं।
अट्ठाइस लोहे की ढलाई देखो, देखो जी भिलाई देखो।
बयालीस इन्सान नदी को जाते, मछली पकड़ घर को आते।
छप्पन शेर आते है, शिकार करने जाते हैं।
सत्तर आम के पेड़ उगाते हैं, पेड़ों पर बैठ कर खाते हैं।
चौरासी भालू आते हैं, आलू खाकर जाते हैं।
अन्ठानन्बे बच्चे स्कूल आते, ज्ञान पाकर घर को जाते ।
एक सौ बारह तितली रंगबिरंगी, फूलों के रस से हरी-भरी।
एक सौ छब्बीस आम, सभी करते काम।
एक सौ चालीस कौए उड़ते हैं, उड़-उड़ कर दाना हैं चुगते हैं।।
बालगीत-2
मदारी आया
लेखक - डोमेन कुमार बढ़ई
मदारी आया गांव मे
बंदर नाचा छांव में
बंदर नाचे छम-छम-छम
हाथी चले धम-धम-धम
हाथी के पीछे ऊँट भी आया
बच्चों का मन बहलाया
सांप लेकर सपेरा आया
सांप का करतब दिखलाया