कहानी-1
दर्जी की सीख
लेखक - राजेन्द्र कुमार विश्वकर्मा
एक दिन स्कूल में छुट्टी की घोषणा होने के कारण, एक दर्जी का बेटा, अपने पापा की दुकान पर चला गया. वहाँ जाकर वह बड़े ध्यान से अपने पापा को काम करते हुए देखने लगा. उसने देखा कि उसके पापा कैंची से कपड़े को काटते हैं और कैंची को पैर के पास टांग से दबा कर रख देते हैं. फिर सुई से कपड़े को सीते हैं और सीने के बाद सुई को अपनी टोपी पर लगा लेते हैं. जब उसने इसी क्रिया को चार पांच बार देखा तो उससे रहा नही गया. उसने अपने पापा से पूछा – पापा मै बड़ी देर से देख रहा हूँ कि आप कैंची को पैर के नीचे दबा देते हैं, और सुई टोपी पर लगा लेते हैं, ऐसा क्यों ? उसके पापा ने उत्तर दिया - कैंची काटने का काम करती है जबकि सुई जोड़ने का काम करती है. काटने वाले की जगह हमेशा नीची होती है और जोड़ने वाले की जगह हमेशा ऊपर होती है. यही कारण है कि मै सुई को टोपी पर लगाता हूँ और कैंची को नीचे रखता हूँ.
कहानी से प्रश्नों के उत्तर लिखिये
प्रश्न 1. दर्जी का बेटा किसकी दुकान पर गया था ?
प्रश्न 2. दर्जी कैची व सुई को कहा रखता था ?
प्रश्न 3. सुई से क्या काम किया जाता है ?
प्रश्न 4. इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है ?
प्रश्न 5. कौन सबसे ऊपर होता है ?
कहानी-2
लालची कुत्ता
लेखक – पुष्पेंद्र गुप्ता
एक कुत्ता कहुत भूखा था. वह भोजन की खोज में एक मकान में गया. वहां उसने एक चपाती देखी. कुत्ते ने चपाती अपने मुंह में दबाई और वहां से भाग लिया. चपाती लेकर वह एक तालाब के किनारे पहुंचा. तालाब के पानी में उसे अपनी परछाई दिखी. परछाई देखकर उसने सोचा कि यह दूसरा कुत्ता है और उसके मुँह में एक और चपाती है. कुत्ता लालची था. उसने सोचा कि मैं इस कुत्ते को डराकर उसकी चपाती छीन लूं. परछाई को डराने के लिये वह अपनी ही परछाई पर भौंकने लगा. भौंकने से उसका मुंह खुल गया और उसकी चपाती तालाब में गिर गई. इस प्रकार लालच के कारण वह अपनी चपाती से हाथ धो बैठा और भूखा ही रह गया. लालच बुरी बला है.