पहेलियाँ

बाल पहेलियाँ

रचनाकार- युक्ति साहू, कक्षा – 7, सेजेस तारबहर बिलासपुर

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  1. मेरे बिना प्रकृति कहाँ,
    हरा भरा मैं दिखता
    फल,फूल और शुद्ध हवा,
    मैं ही तो देता?

  2. सात रंगों का हूँ मैं संगम,
    वर्षा ऋतु में मैं आता
    इस कोने से उस कोने तक,
    गगन की शोभा बढ़ाता?

  3. हानिकारक किरणों से,
    सूरज के मैं तुम्हें बचाऊँ
    कभी तो मैं हो जाता साफ,
    कभी मेघों से भरा रहूँ?

  4. सर्वत्र हूँ मैं व्यप्त,
    पर किसी को दिखता नहीं
    मुझे सब करते महसूस,
    पर कोई छू सकता नहीं?

  5. परदर्शी में दिखता हूँ,
    बहता हूँ मैं निरंतर
    मेरा पान करके ही,
    सब रह पाते हैं जिंदा?
उत्तर: 1.वृक्ष, 2.इंद्रधनुष, 3.आसमान, 4.वायु, 5.जल

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बताओ उसका नाम

रचनाकार- जीवन चन्द्राकर'लाल'', बालोद

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रोज मुंडेर पर आता है,
जोर-जोर से चिल्लाता है.
काला काला जिनका रंग,
बच्चों को करता है तंग.
रोटी हाथ से छिनता है,
अन्न दानों को बिनता है.
भले ही तन का काला है,
अनेक सूचना देने वाला है.
करता रहता है काँव-काँव.
तो चलो बताओ उनका नाम.

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बाल पहेली

रचनाकार- श्रीमती पुष्पा साहू, महासमुंद

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बात पते की मैं करती हूँ.
वन उपवन में मैं रहती हूँ.
बूँद - बूँद से प्यास बुझाती.
तिनकों से मैं नीड़ बनाती.
क्या है मेरा नाम बताओ.

लंबोदर सा मुह है मेरा.
कंचे जैसा आँखी घेरा.
टाँगे सुन्दर खंबे जैसा.
कान हिलाऊँ पंखे जैसा.
क्या है मेरा नाम बताओ.

जहाँ कहीं भी रह लेता हूँ.
फल पत्ती ही खा लेता हूँ.
उछल कूद करते रहता हूँ.
गाली मार बहुत सहता हूँ.
क्या है मेरा नाम बताओ.

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जनऊला

रचनाकार- रुद्र प्रसाद शर्मा, रायगढ़

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  1. तात के अगास म उड़य.
    ठंडा होवत खाल्हे परय.

  2. हरियर मैं, लईका मोर करिया आय.
    मोला छोड़के मोर लईका ल खाय.

  3. अगास म उड़य, घारा नई बनाय.
    धुका गर्रा के डर म, भुंईया उतर जाय.

  4. बिन बीजा, बिन गूदा के,
    बादर ले गिरिस फर.
    छुए म ठंडा - ठंडा बतर.
    एकर नाव ल तॅय धर.

  5. नाव देईस, गांधी जी के राष्ट्रपिता.
    लिखिस जेन ह राष्ट्रगान के गीता.
    गुरूदेव विश्वकवि जेकर उपाधि आय जी.
    राष्ट्रगान सम्मान म नाव ल जान पाय जी.

  6. नोहय हाथी, घोड़ा नोहय, खाय न दुबी घास.
    पीठ बइठारय भुईया रेंगय, चक्का दु ठन खास.

  7. लम्बा ढेंठू पेट मोटवार.
    सस्ता दाम म बिसो दार.
    घाम म नल ले भर ले.
    फेर जम्मो ल ठंडा कर ले.

  8. बरसात म उड़य सांझ संझोर.
    पूछी म उखर टार्च के अंजोर.

  9. बाहिर हरियर भीतर लाल.
    करिया बीजा हेर निकाल.
    नार म फर ह ऐठिस.
    घाम म मोला भेटिस.
उत्तर:- 1. भाप, 2. इलायची, 3. हवाई जहाज, 4. बर्फ (ओला), 5. रविन्द्रनाथ टैगोर, 6. साईकिल, 7. सुराही, 8. जुगनू, 9. तरबूज

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बाल पहेलियाँ

रचनाकार- डॉ० कमलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश

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  1. चार पैर है जिसके बच्चों
    फिर भी चल ना पाए.
    लोग बैठते जिस पर बच्चों,
    बोलो क्या कहलाए?

  2. प्रथम हटे तो 'कू' कहलाऊँ,
    दो अक्षर का नाम.
    अंत हटे तो 'चा' कहलाऊँ,
    अजब अनूठे काम.

  3. दो अक्षर का नाम है मेरा,
    बात सुनो तुम पूरी.
    इक्कीस जून को याद करें सब,
    रखो न मुझसे दूरी

  4. घर की मैं रखवाली करता,
    ऐसा अजब निराला हूँ.
    कुत्ता मुझको समझ ना लेना,
    'की' से खुलने वाला हूँ.

  5. घर खोलूँ, अलमारी खोलूँ,
    खोलूँ फाटक द्वार.
    भरी तिजोरी को भी खोलूँ
    बोलो सोच विचार
उत्तर 1 कुर्सी, 2 चाकू, 3 योग, 4 ताला, 5 चाबी

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बाल पहेलियाँ

रचनाकार- टीकेश्वर सिन्हा ' गब्दीवाला ', बालोद

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  1. बड़ी-ऊँची दीवारें मेरी,
    एक जगह मैं रहता मौन.
    रोकूँ नदियों की रवानी,
    बताओ बच्चों मैं कौन ?

  2. एक पेड़ का अंग्रेजी नाम,
    वह है हथेली मेरी
    शिखा रानी मनु प्रिया,
    अरे बूझ पहेली मेरी.

  3. चुटकी भर डाल रानी,
    बढ़िया सोच विचार.
    कितनी स्वादिष्ट सब्जी !
    मुझ बिन बेकार.

  4. कई रंगों में मेरा परिधान,
    मैं कलगी से सर सजाऊँ.
    बादल गरजे पानी बरसे,
    मैं परिन्दा नाचू गाऊँ.

  5. बालक में मैं एक बार,
    बलशाली में आऊँ दुबारा.
    नहीं मिलूँगा तुम्हें बजट में,
    बताओ मैं कौन हूँ यारा?
उत्तर : (1) बांध (2) पाम (palm)(3) नमक (4) मोर (5) ल.

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