उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

सरोजनी देवी साहू की सफलता की कहानी

सरोजनी जी जब पहली बार विद्यालय में आईं तो उन्हो"ने देखा कि वहाँ पढ़ाई का स्तर कम था एवं बच्चे नियमित नहीं आते थे. बच्चों को नियमित विद्यालय लाने के लिए SMC सदस्यों एवं पालकों से संपर्क कर एक योजना बनाई, जिसमें सर्वप्रथम उन्‍होने सभी कक्षाओं के बच्चों को एक साथ दो महीनों तक अतिरिक्त कक्षा लेकर उन्हें सही स्तर तक लाया. इसके उपरांत कोरोना काल में बच्चों का पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए शासन के निर्देशानुसार ऑनलाइन क्लास स्टार्ट किया. इसके लिए उन्होने सभी पालकों का एक WhatsApp Group बनाया एवं उन्हें Cisco Webex app डाउनलोड कराकर जॉइन करना सिखाया, जिसमें बच्चे Online class attend करते थे, साथ ही ऑफलाइन पारा टोला मोहल्ला कक्षा भी प्रारंभ किया.

इसी के तहत बच्चों को विभिन्न प्रकार के TLM, कबाड़ से जुगाड़, मिट्टी के खिलौने, चित्रकला, फैन्सी ड्रेस एवं नृत्य आदि का आयोजन कर उनकी प्रतिभा को आगे लाने का प्रयास किया. उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार भी दिया. तत्पश्चात अंगना म शिक्षा कार्यक्रम में जुड़कर माताओं को तैयार किया कि वे घर पर रहकर अपने बच्चों की आधारभूत शिक्षा दे पाएं. ये माताएं अपने घर में उपलब्ध सामग्रियों के माध्यम से खेल-खेल में पढ़ाती हैं. सरोजिनी जी स्वयं माताओं के घरों में जाकर उन्हें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों बताती हैं, ताकि वे अपने बच्चों को सिखाएं. बच्चों के स्कूल न आने पर वे स्वयं उन्हें लेने जाती हैं. प्रतिवर्ष अपने व्यय से सभी बच्चों को कॉपी, पेन व पहाड़ा इत्यादि देती हैं. उन्हें 2021-22 में मुख्य मंत्री गौरव अलंकरण से भी सम्मानित किया गया है.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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