समस्त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.
मुनमुन सिन्हा की सफलताओं की कहानी
मुनमुन सिन्हा, सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला गैंजी, विकासखंड डौन्डी लोहारा, जिला बालोद (छत्तीसगढ़) के पद पर कार्यरत हैं. उनकी शैक्षणिक योग्यता, बी. ए (गायन, भारतीय पुरातत्व का इतिहास, हिंदी साहित्य) इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ एवं एम.ए. हिंदी साहित्य, संस्कृत साहित्य है. व्यावसायिक योग्यता बी.एड. है, तथा उन्हें सगीत विशारद की उपाधि गंधर्व महाविद्यालय मुंबई से प्राप्ते हुई है. इसके अतिरिक्त सुगम संगीत में डिप्लोमा इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ तथा लोक संगीत में डिप्लोमा इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से मिला है.
इन्होंने दिनांक 4.10.2008 को सहायक शिक्षक के पद पर कार्यभार ग्रहण किया. तभी से स्कूल में दर्ज संख्या में वृद्धि करने एवं बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति हेतु पालकों से संबंध साधने में निरंतर प्रयासरत हैं. सामुदायिक सहभागिता हेतु समाज के लोगों से निरंतर मधुर एवं सहयोगात्मक संबंध बनाने में प्रयासरत है.
माता उन्मुखीकरण हेतु ये सदैव माताओं से संपर्क साधकर उन्हें जागरूक करने का कार्य करती हैं. बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु बच्चों के खेलकूद सांस्कृतिक कार्यक्रम हस्तकला आदि में विशेष ध्यान देती हैं, यह अपनी कक्षा में स्वनिर्मित टी.एल.एम. के माध्यम से अध्यापन कार्य करना अधिक पसंद करती है, क्योंकि उन्हें लगता है कि बच्चे सहायक सामग्री के साथ पढ़ाई में अधिक रुचि लेते हैं जिसके फल स्वरुप अवधारणा अच्छे से स्पष्ट होती है.
अपनी कक्षा को स्मार्ट क्लास बनाने के लिए तकनीकी का पूरा उपयोग करती हैं जिन चीजों से बच्चे अनभिज्ञ होते हैं उन्हें तुरंत गूगल या यूट्यूब के माध्यम से दिखाती है ताकि बच्चे उसे अच्छी तरह से पहचान कर अपनी समझ विकसित कर सके, साथ ही समय-समय पर कक्षा में बच्चों के साथ स्वयं वीडियो भी बनाती हैं जिसके कारण बच्चे किसी विषय को याद करने में अधिक रुचि लेते हैं, बनाए गए वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड भी करती हैं ताकि बच्चे उस वीडियो को बार-बार देखकर अपनी समझ को पूर्णतः विकसित कर सके.
कोरोना कल में इन्होंने ऑनलाइन क्लासेस लेकर तथा व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से गृह कार्य देते हुए बच्चों के लर्निंग आउटकम को बनाए रखने का प्रयास किया, इसके साथ ही यह ब्लॉक और संकुल में मास्टर ट्रेनर के रूप में भी सहयोग प्रदान करती रहती हैं. साथ ही हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों को भी समय-समय पर कैरियर गाइडेंस हेतु जानकारी देती है ताकि बच्चों को कैरियर चुनाव करने में मदद मिल सके.
इन्हें 2022 में नवाचारी शिक्षक समूह की ओर से नवाचारी शिक्षक रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा इन्हें शिक्षक कला एवं साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ द्वारा नारी शक्ति प्रतिभा रत्न सम्मान, नावेल टीचर्स क्रिएटिव फाउंडेशन द्वारा नारी शिक्षा अलंकरण सम्मान से सम्मानित किया गया है. बच्चों को नई तकनीक से जोड़ना तथा समय की मांग के हिसाब से उन्हें अपडेट करते रहना तथा शिक्षा के माध्यम से उन्हें समाज में एक जिम्मेदार नागरिक बनना ही इनका लक्ष्य है.
मुनमुन सिन्हा को प्राप्त पुरस्कार एव सम्मान
- नवाचारी शिक्षक समूह के द्वारा नवा चारी शिक्षक रत्न पुरस्कार.
- शिक्षक कला एवं साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ द्वारा 2021 तथा 2022 मैं नारी शक्ति प्रतिभा रत्न पुरस्कार.
- नावेल टीचर्स क्रिएटिव फाउंडेशन द्वारा नारी शिक्षा अलंकरण सम्मान.
- नावेल टीचर्स क्रिएटिव फाउंडेशन द्वारा शिक्षक सृजन गौरव अलंकरण द्वारा सम्मानित.
- पोयट्री कैफे फाउंडेशन द्वारा सम्मानित.
अस्वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्वयं उनका सत्यापन नही किया है.