समस्त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.
बच्चों को धूम्रपान के खतरों के प्रति जागरूक करने वाले उमाशंकर साहू
उमाशंकर साहू को शिक्षा विभाग में महज 1 साल 3 माह ही पूर्ण हुआ है. वे बस्तर विकासखंड के अंतर्गत प्राथमिक शाला मावलीगुड़ा, संकुल फरसागुड़ा में कार्यरत हैं. उनके द्वारा बच्चों को धूम्रपान खतरों के प्रति जागरूक करने हेतु नए-नए तरीके से प्रयास किये जा रहे हैं. उमाशंकर साहू जी अनोखे तरीके से प्रयोग के माध्यम बच्चों को समझा रहे हैं. यह प्रयोग इस अवधारणा पर कार्य करता है जब हम सामान्य सांस लेते है तो ऑक्सीजन नाक से सीधा फेफड़े में जाता है. उसी प्रकार अगर हम स्मोकिंग करते है तो हानिकारक धुंआ/टार ऑक्सीजन के साथ फेफड़े में चला जाता है. 90% धुंआ तो हमारे शरीर से बाहर हो जाता है, किंतु ऑक्सीजन के साथ जो टार होता है वो हमारे फेफड़े में ही जमता जाता है, जो हमारे फेफड़े को नुकसान पहुँचाता है और भयंकर बीमारी कैंसर का भी कारण बन सकता है. टीबी,दमा आदि का कारण बन जाता है.
जब हम सिगरेट को जला देते है तो सिगरेट का धुआं बॉटल में जाता है. बॉटल के मुंह पर रुई लगे होने के कारण बॉटल में से धुआं तो बाहर आ जाता है किंतु टार रुई में एकत्रित होते जाता है. जिस प्रकार ऑक्सीजन फेफड़े से छन कर बाहर होता जाता है और टार फेफड़े पर जमता जाता है. इस गतिविधि के द्वारा बच्चों को जागरूक करना आसान है. बस्तर में जानकारी के आभाव में बड़े ही नही बच्चे भी दुर्व्यसन में लिप्त होते हैं. उन्हें जागरूक कर इससे दूर किया जा सकता है.
उमाशंकर साहू जी के द्वारा ऐसी गतिविधि को Mor Vlogs चैनल में डालकर अन्य लोगो तक जानकारी साझा की जा रही है. उनके द्वारा बहुत से ऐसे विज्ञान के प्रयोग भी बच्चों को सिखाये जा रहे हैं, जो उन्हें जादू लगते हैं. निरंतर गणित शिक्षण में TLM के माध्यम से गणित को आसान कर सिखाने का प्रयास किया जा रहा है.
अस्वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्वयं उनका सत्यापन नही किया है.