उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

जादू दिखाकर अंधविश्वास दूर करने वाले नवाचारी शिक्षक हेमंत कुमार श्रीवास

शिक्षक राष्ट्र निर्माता व मार्गदर्शक के रूप में होता है. प्राथमिक स्तर के छात्रों की नींव को मजबूत कर बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए के लिए प्राथमिक शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. शासकीय प्राथमिक शाला मड़कड़ी के शिक्षक हेमंत कुमार श्रीवास के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में नवाचारी गतिविधियों से शिक्षा प्रदान की जा रही है. हेमन्त कुमार श्रीवास को बिलाईगढ़ ब्लाक में सभी जानते हैं. पालकों और शाला विकास समिति के सदस्यों द्वारा उनकी प्रशंसा की जा रही है.

हेमंत कुमार श्रीवास, जादुई पिटारा, खिलौना आधारित शिक्षा के मास्टर ट्रेनर व ब्लॉक नोडल अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे हैं. हेमन्त कुमार श्रीवास का MOR SCHOOL यूट्यूब चैनल है, जिसमें 250 से अधिक नवाचारी गतिविधियां अपलोड की गई हैं. उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है.

नवाचार के क्षेत्र में हेमंत कुमार श्रीवास जी विभिन्न गतिविधियां
  1. टी एल एम द्वारा बच्चों को शिक्षा प्रदान करना - प्राथमिक स्‍तर के छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए TLM की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. छात्र TLM के माध्यम से अधिक सीखते हैं. हेमंत कुमार श्रीवास के द्वारा 200 से अधिक TLM का निर्माण स्वयं के पैसे किया है, ताकि बच्चे अधिक से अधिक सीख सकें. हेमंत कुमार श्रीवास को बिलाईगढ़ ब्लॉक में टी एल एम स्पेशलिस्ट के रूप में जाना जाता है. इस क्षेत्र में उनको बहुत सारे पुरस्कार प्राप्त हुए हैं. विभिन्न प्रकार के TLM, जैसे, पाकेट TLM, चक्रीय TLM, HD TLM, 60 प्रकार के मुखौटे एवं प्राथमिक स्तर के विभिन्न प्रकार के अन्‍य TLM का उन्होने निर्माण किया है, जिसका उपयोग बच्चों को सीखने-सि‍खाने के लिए नियमित रूप से किया जाता है.
  2. लाजवाब प्रिंट रिच - आज हेमंत कुमार श्रीवास व अन्य शिक्षकों के द्वारा अपने स्कूलों को विभिन्न प्रकार से प्रिंट रिच बनाया गया है. स्कूलों में इस प्रकार से वातावरण तैयार किया है, जिससे बच्चे खुद-बखुद देखकर सीखते हैं. इस प्रिंट रिच वातावरण को देखने के लिए ब्लॉक के विभिन्न स्कूलों से शिक्षक-शिक्षिका आते हैं.
  3. खेल-खेल में शिक्षा - हेमंत कुमार श्रीवास नए-नए तरीकों से बच्चों को पढ़ाते हैं. बच्चे खेल खेल में ही सीख जाते हैं. वे विभिन्न प्रकार के नवाचारों व खेल के माध्यम से शिक्षा प्रदान करते हैं. हेमंत कुमार श्रीवास के स्कूल में विभिन्न प्रकार के खिलौने हैं, जिससे बच्चे स्वयं से खेल कर सीखते हैं. इस प्रकार वे बहुत से टॉपिक को खेल-खेल व नवाचार से सि‍खाते हैं.
  4. पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधि - प्रत्येक शनिवार को बस्ताविहीन दिन होने के कारण बच्चों को विभिन्न प्रकार से सिखाया जाता है जैसे, नृत्य, चित्रकला, कागज से खिलौने, रंगोली बनाना, मेहंदी लगाना, मिट्टी के खिलौने, आदि.
  5. मुहल्ला क्लास का आयोजन - कोरोना के समय स्कूल बंद हो गये थे. तब कुछ स्थानों पर ऑनलाइन क्लास भी संभव नहीं थे, क्योंकि अनेक लोगों के पास मोबाईल फोन भी नहीं थे. ऐसे में हेमंत जी ने खुद की हिम्मत व लोगों के सहयोग से गांव के चौक-चौराहे में मोहल्ला क्लास शुरू किया. इससे बच्चे शिक्षा से जुड़े रहे. इसी कारण कोरोना में स्कूल बंद होने के बाद भी बच्चों का अकादमिक स्तर आज अच्छी स्थिति में है.
  6. विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन - हेमंत श्रीवास के द्वारा अपने स्कूल में मुस्कान पुस्तकालय, रूम टू रीड, अंगना म शिक्षा, गर्मी की छुट्टी में समर कैंप, छलांग कार्यक्रम, जादुई पिटारा आदि योजनाओं का सुचारु रूप से संचालन किया जा रहा है.
  7. प्रत्येक शनिवार को गांव के बुजुर्गों को बुलाना - शनिवार को बस्ताविहीन दिन होने के कारण हेमंत जी गाँव के बुजुर्गों को स्कूल में बुलाते हैं. बुजुर्ग, बच्चों से स्थानीय भाषा में कहानी व अपना अनुभव साझा करते हैं, जिससे बच्चे विभिन्न प्रकार की चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं.
  8. शाला विकास समिति के द्वारा स्कूल निरीक्षण पर जोर देना - हेमन्त कुमार श्रीवास के द्वारा शाला प्रबंधन एवं विकास समिति व्दारा शाला निरीक्षण पर जोर दिया जाता है, ताकि स्कूल के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं का निर्माण कर योजना के अनुरूप स्कूल का विकास किया जा सके और स्कूल की सभी गतिविधियाँ सुचारू रूप से संचालित हो सकें.
  9. सक्रिय माताओं व्दारा कक्षा का निरीक्षण - अंगना म शिक्षा के तहत जो स्मार्ट माताएं हैं, उनके द्वारा स्कूल का नियमित निरीक्षण करने पर हेमंत जी पर जोर देते हैं, ताकि वे अपने बच्चों को पढ़ते हुए देख सकें और उनका आंकलन स्वंय कर सकें. सक्रिय माताओं के द्वारा मध्याह्न भोजन का भी निरीक्षण किया जाता है, ताकि उनके बच्चों को स्वादिष्ट भोजन मीनू के अनुसार मिल सके.
  10. बच्चों को उत्साहवर्धन हेतु पुरस्कृत करना
  11. - हेमंत कुमार श्रीवास के द्वारा अपने स्कूल में बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए मेंमोटो, कलम, पहाड़ा, डायरी आदि से बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है.
  12. जादू दिखाकर अंधविश्वास दूर करना - हेमंत कुमार श्रीवास एक जादूगर भी हैं. वे विभिन्न स्कूलों में जाकर जादू भी दिखाते हैं. वे स्कूल में जादू दिखाने के लिये पैसा नहीं लेते हैं, ताकि बच्चों का जादू से मनोरंजन हो सके. साथ ही बच्चों का अंधविश्वास भी दूर हो.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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