उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

कोरोनावीर जगजीवन प्रसाद जांगड़े

कोरोना काल के दौरान जब पूरे देश और दुनिया भर में शिक्षण संस्थान बंद हो गए थे तब पढ़ाई जारी रखने के लिये छत्‍तीसगढ़ शासन स्‍कूल शिक्षा विभाग व्दारा पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम संचालित किया गया था, जिससे बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़े रखा जा सके. जगजीवन जी ने इस कार्यक्रम में महती भूमिका निभाई और निम्नलिखित कार्य किये -

  1. ऑनलाइन क्लास का संचालन - 26 जून 2020 से 17 फरवरी 2021 तक कुल 185 दिवस.
  2. मोहल्ला क्लास का संचालन - 12 शिक्षा सारथियों व 2 शिक्षक/शिक्षिकाओं के साथ मिलकर, 10 अगस्त 2020 से 9 अप्रैल 2021 तक लगातार 9 जगहों मोहल्‍ला क्‍लास संचालित किये. संकुल के सभी शिक्षको के लिए प्रेरक की भूमिका निभायी, जिसके कारण पूरे जिले में झाल संकुल प्रथम स्थान पर रहा.
  3. बुलटू के बोल - बुलटू के बोल के माध्यम से आडियो/वीडियो व्दारा पढ़ाया.
  4. आगमेंटेड रियल्टी - स्मार्ट शाला के तहत आगमेंटेड रियल्टी शो मोबाइल के द्वारा बच्चों को विभिन्न जीव जंतुओं सजीव चित्रण के बारे में बताया व दिखाया गया.
  5. स्टोरीविवर - स्टोरीविवर के तहत 43 कहानियों का हिंदी/अंग्रेजी/छत्तीसगढ़ी में अनुवाद किया गया और उसके साथ ही साथ बच्चों को कहानी पढ़ने व बनाने हेतु प्रेरित किया.
  6. खिलौना निर्माण - खिलौना निर्माण कर बच्चों में अपनी परंपरा गत बर्तनों, औजारो, कृषि सामानों आदि से परिचय कराते हुए मिट्टी/लकड़ी/कागज आदि से खिलौना बनाना सिखाया साथ ही पाठ्यक्रम के अनुसार खिलौने भी तैयार किये.
  7. प्रिंट रिच वातावरण निर्माण - गाँव के चौक चौराहे पर घर के दीवारों पर, रंगमंच, शाला भवन, सामुदायिक भवन आदि स्थानों पर पाठ्यक्रम पर आधारित विभिन्न अवधारणाओं को स्पष्ट करते हुए गणितीय संक्रियाओं, ज्यामितीय आकृतियां, शब्द निर्माण, कविता, कहानी, पहाड़ा निर्माण, गिनती, फल, सब्जी, फूल, रंग, पकवानों के नाम, सामान्य ज्ञान, जन जागृति स्लोगन, कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी नारे आदि का लेखन कार्य किया गया है जिससे राह चलते बच्चे/साक्षर/खेल-खेल में पढ़ लिख सकें.
  8. TLM निर्माण - विभिन्न विषयों पर आधारित TLM निर्माण कर बच्चों के सीखने सिखाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए मॉडल/चार्ट/ड्राइंग शीट आदि के उपयोग कर सहायक सामग्री का निर्माण किया गया, जिसमें इकाई, दहाई, सैकड़ा की समझ, स्थानीय मान, शब्द खिड़की, संख्या खिड़की, संक्रिया चक्र, सोलर कुकर, स्टेथोस्कोप, कैलिडिस्कोप, वर्षा मापी यंत्र, कंप्यूटर, पवनचक्की जैसे मॉडलों के उपयोग कर शिक्षण को सरल बनाने का प्रयास किया.
  9. अभ्यास पुस्तिका का उपयोग - निखार योजना के तहत प्रदत्त विभिन्न ज्ञानवर्धक और रोचक जानकारी, गतिविधियों सहित हिंदी, गणित, अंग्रेजी व पर्यावरण विषय पर आधारित पुस्तिकाओं का उपयोग कर बच्चों के अधिगम स्तरानुसार दक्षता लाने में कामयाब हुए हैं.
  10. नवाचारी प्रयास - घर घर क्लास में माताओ के व्दारा सहयोग कर घरो में कक्षा लगाना व पढ़ाना. इससे 95% बच्‍चे पुस्तकवाचन व लेखन में दक्षता हासिल कर चुके हैं.
  11. प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करवाना - प्रत्येक वर्ष बच्चों को जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा हेतु तैयारी करवाया जाता है. इस वर्ष 20 बच्चो को तैयारी करवा रहे है. वर्ष 2017, 2018 और 2021 में एक - एक बच्चे का चयन नवोदय विद्यालय के लिए हुआ था. वर्ष 2020-21 में एन.टी.ए. परीक्षा में कु. हेजल खटरजी का रायपुर में चयन हुआ.
  12. बैगलेस डे - शनिवार बैगलेस डे पर टी शर्ट, लोवर, तीन रंगो में एसएमसी व पालक अधिकारी सहयोग व सहमति से लागू करवाया.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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