उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

लगातार मेहनत से सफलता पाने वाली सुधारानी शर्मा

सुधारानी शर्मा शासकीय प्राथमिक शाला सुरदा, मुंगेली छत्तीसगढ़ में पदस्थ हैं. इनकी नियुक्ति 2008 मे हुई थी. इसके पूर्व में ये एन.टी.पी.सी. में प्रौढ़ शिक्षा केंद्र एवं शारदा विद्या मंदिर में अपनी सेवाएं दे रही थीं. अध्यापन के लगभग 20 वर्षों के अनुभव से आज ये इस मुकाम पर पहुंची हैं. कठिन परिश्रम और ईमानदारी से किए गए कार्य का प्रतिफल अवश्य मिलता है. इनका मानना है कि यदि कोई अपने लक्ष्य को लेकर चलता हैं तो अपने जीवन में सफल अवश्य होता हैं. इनके पति स्टेट बैंक मे वरिष्ठ प्रबंधक हैं.

पढ़ाई के प्रति इनकी लगन और सादगी दूर-दूर तक जानी जाती है. बच्चों के साथ हमेशा वे बाल मनोविज्ञान का प्रयोग करती रही हैं. इनकी लेखनी में कहानी, कविता, गीत, एवं बच्चों से संबंधित शिक्षाप्रद कहानियों का समावेश है. इनका मानना है कि बच्चे ही सबसे बड़े आकलनकर्ता होते हैं. सही अर्थों में बच्चे हमारी परीक्षा लेते हैं.

बाल मन को समझना, और उनके अनुरूप ढ़ल कर शिक्षा देना बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है. शिक्षा विभाग के व्दारा दिए गए सारे दायित्वों को पूर्ण रुप से निर्वहन किया है. सभी प्रकार के प्रशिक्षण लेने के पश्चात् एक मास्टर ट्रेनर के रूप में भी इन्होने अपने कर्तव्य का निर्वहन सही ढंग से किया है.

कोरोना काल मे लॉक डाउन की जानकारी होते ही उन्‍होने मन में ठान लिया था कि चाहे स्कूल बंद हो जाएं परन्‍तु बच्चों को हमें शिक्षा से जोड़े ही रखना है. इसके लिए उन्होने अपने घर मे उपलब्ध सामानों के साथ बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. कपड़े, खिलौने, फल, सब्जियां और दैनिक उपयोग में आने वाली हर घरेलू वस्तु, सभी का पूरी तरह से उपयोग किया. आज अंगना म शिक्षा, योजना में ऐसी ही बहुत सी चीजों का उपयोग किया जा रहा है. यह देख कर उन्‍हें बहुत खुशी होती है.

इनकी मेहनत की सार्थकता है कि प्राथमिक स्तर के बच्चों में सामान्य ज्ञान की वृध्दि हुई और इनके व्दारा पढ़ाये गये लगभग सभी विषयों को योजना में शामिल किया गया. उन्‍होने सभी विषय से संबंधित छोटे-छोटे वीडियो बनाकर वाट्सएप ग्रुप में डालकर कर पढ़ाना शुरू किया. खेल खेल में बच्चे बहुत अच्छे से सीखते हैं. उन्हें पढ़ाई बोझिल नहीं लगनी चाहिए. बच्चे इस कार्य में पूरी तरह से इनके साथ जुड़ जाते थे. मनोरंजक तरीके से सहज-सरल वातावरण में कहानी, कविता, गीत आदि के व्दारा पढ़ाना एवं छोटे बच्चों के लिये ऑनलाइन क्लास लेकर बच्‍चों को उनमें जोड़ना वड़ी उपलब्धि है.

इनके कार्यों को सभी से सराहना मिली. सीजी पोर्टल में ‘हमारे नायक’ के रूप में मुंगेली जिले से इन्‍हें स्थान प्राप्त हुआ. इसके साथ ही रीडिंग कैंपेन, अंगना म शिक्षा आदि का दायित्‍व मुंगेली जिले में सुधारानी शर्मा सौंपा गया. संपर्क फाउंडेशन, निवेश नवाचार जैसी योजनाओं में इनके व्दारा तैयार किए गए वीडियो एवं कार्यों की सराहना हुई. 2017 से ही ये किलोल पत्रिका के लिए गीत, कविता, कहानी आदि लिखती आई हैं.

मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है. जो दायित्व दिया गया है हम उसके प्रति ईमानदार रहे सेवा भावना से अपना कार्य करते रहें एवं सहयोग सामान्य की भावना से कार्य करते रहे तो सफलता निश्चित ही कदम चूमती है. इसी उद्देश्य को लेकर इनकी यात्रा जारी है.

आज स्कूल मे 100% उपस्थिती भी इनकी उपलिब्ध है. बच्चो मे उत्सुकता और सीखने की ललक होती है. हमारे आसपास प्रकृति का खजाना बिखरा हुआ है. उन सबका सही उपयोग करके बच्चो को पढ़ाने में इन्होंने सफलता पायी है.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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