समस्त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.
शिक्षा के लिये समर्पित समता सोनी
समता सोनी शा. पूर्व मा. शाला अमोरा, वि. ख. नवागढ़, जिला बेमेतरा में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं. उनके शिक्षकीय कार्य का सफर 1998 में शा. प्रा. शाला तेंदुआ से शुरू हुआ था, जहां उन्होने बच्चों को 2006 तक पढ़ाया. वहां उनकी पढ़ाई हुई एक छात्रा शिक्षक बन गई है और एक छात्र ग्राम सचिव बन गया है.
सन् 2006 में शा. कन्या पूर्व मा. शाला सम्बलपुर में शिक्षक के पद पर उनका प्रमोशन हो गया. वे वहां गणित विषय पढ़ाती थीं. बच्चे बहुत ही खुश होकर पढ़ाई करते थे. 2015 में युक्तियुक्तकरण में शा. पूर्व मा. शाला प्रतापपुर पदस्थापना हुई. वहां भी वे गणित और संस्कृत पढ़ाती थीं.
टी.एल.एम. के माध्यम से पढ़ाने के कारण बच्चे, शिक्षक एवं पालक सभी खुश रहते थे. 2020 मे कोरोना काल मे उन्होने बच्चों एवं पालको से सम्पर्क करके लगभग 2000 ऑनलाइन क्लास लीं. उनकी ऑनलाइन कक्षाओं में अन्य जिलों के बच्चे भी जुड़कर पढ़ाई करते थे.
उन्होने पढ़ाने के लिये खिलौना निर्माण की शुरुवात की, जिसमें उन्हें नायक का स्थान मिला. कबाड़ से जुगाड़ में ब्लाक स्तर पर प्रथम स्थान मिला. गणितीय कौशल में जिला स्तर पर शा. पूर्व मा. शाला अमोरा वि. ख. नवागढ़ को प्रथम स्थान मिला. 100 दिनो का गणितीय कौशल में नायक स्थान मिला. चर्चा पत्र में उनके कार्यों को स्थान मिला और उन्हें चर्चा पत्र टीवी में बोलने का अवसर मिला.
बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए वे अधिक उपस्थिति वाले बच्चों को हर महीने पुरुस्कृत करती हैं. स्वयं के व्यय से बच्चों को वाल पेंटिंग सिखाजी हैं. उन्होने अपने स्कुल को स्मार्ट टीवी उपहार में दिया है. उन्होने क्लास को बच्चों के साथ मिलकर प्रिंट रिच बनाया है.
छत्तीसगढ़ी भाषा एवं संस्कृति के विकास पर कार्य कर रही हैं. शनिवार को छत्तीसगढ़ी व्यंजन प्रतियोगिता कराती हैं. वे छत्तीसगढ़ी नृत्य, लोकगीत आदि पर भी कार्य कर रही हैं.
अस्वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्वयं उनका सत्यापन नही किया है.