उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

दूरस्‍थ अंचल में जनजातीय बच्‍चों के सर्वागीण विकास के लिये प्रयासरत मुकुन्द केशव उपाध्याय

मुकुन्द केशव उपाध्याय, कोरबा शहर से 18 किलोमीटर दूर ग्रामीण अंचल में शासकीय माध्यमिक शाला आमापाली, संकुल तिलकेजा में पदस्थ हैं. वे 1998-99 से शिक्षा विभाग में अपनी सेवा देते आ रहे हैं. पहाड़ के नीचे बसे ग्राम पंचायत तिलकेजा के एक छोटे से आश्रि‍त ग्राम खड़िया जाति बहुल मोहल्ले आमापाली में की शाला में अध्ययनरत बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु वे सतत प्रयासरत हैं.

सन 2010 में जब उन्‍होने इस शाला में कार्यभार ग्रहण किया तब यहाँ के बच्चों को देखकर अंचभित हो गये. उसस समय यहाँ के बच्‍चे अपने आप पर बिल्कुल ध्यान नही देते थे. कपड़े गन्दे, बाल बड़े, नाखून बढे, नाक, दाँतो की सफ़ाई तक नियमित नही करते थे. शाला की उपस्थिति भी बहुत ही कम होती थी. तब उन्‍होने सोचा कि सबसे पहले इसी पर ध्यान दिया जाये. साफ सफ़ाई पर लगातार विषेश समझाईश देते हुए कार्य प्रारंभ किया. धीरे-धीरे बच्चो में बहुत सुधार आ गया. आज वही बच्चे साफ-सुथरे कपडे, बेल्ट, टाई, परि‍चयपत्र लगाकर नियमित शाला आने लगे हैं. 100% उपस्थिति हेतु पालक संपर्क के अलावा लगातार उपस्थित होने वाले बच्चों के उत्साहवर्धन हेतु प्राथना के समय माह में लगातार उपस्थित बच्चो को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता रहा है. इससे बच्चों में शाला आने हेतु प्रतिव्दंद‍िता के भाव आने लगे हैं और वे नियमित शाला आने लगे हैं.

श्री उपाध्याय व्दारा लगातार शासन के व्दारा सौंपे गई समस्त दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया गया है. साथ ही उन्होंने अनेको श्रेष्ठ कार्य किये हैं, जैसे सामुहिक सहभागिता से शालेय प्रांगण में सास्कृतिक मंच का निर्माण करना, मुख्य सड़क से शालेय प्रांगण तक पक्की सी-सी रोड़ का निर्माण करवाना, वृक्षारोपण करना, सरपंच महोदय के लगातार पीछे पड़कर लगभग 600 मीटर की दूरी से पाईप लाईन बिछाकर पानी की टँकी लगवाकर 24 घण्टा पानी की व्यवस्था करना, बिजली, फर्श में टाइल्स, पुट्टी, शाला को सुंदर पेंटिंग करवाना, मॉडल क्लास, प्रोजेक्टर व्दारा पढ़ाई, मध्यान्ह भोजन कक्ष का निर्माण, बालक बालिकाओं हेतु अलग अलग लेट-बाथ की व्यवस्था आद‍ि. शासन/जनप्रतिनिधियों/सामूहिक सहभागिता से अनेकों कार्य पूर्ण कराये गये हैं, जिससे श्री उपाध्याय की जिले में अलग पहचान बनती है. इसी कार्य व्यवहार, मेहनत, कार्ययोजना के चलते 5 सितम्बर 2023 को राजभवन में राज्यपाल पुरस्कार सम्मान से उन्हें पुरस्कृत किया गया. मुकुन्द उपाध्याय जी को पूर्व में भी शासन स्तर पर मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण मिल चुका है. रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय शैक्षणिक गोष्ठी में कोरबा जिले का प्रतिनिधित्व करने का अवसर भी प्राप्त हो चुका है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों, कलेक्टर, मंत्री, विधायक, महापौर, अनेको सामाजिक संगठन, सास्कृतिक मंच, एस बी आई लाईफ आदि व्दारा सैकड़ो सम्मान पत्र मिल चुके हैं, जो उन्हें कोरबा जिले में एक कर्मठ शिक्षक के रूप में अलग पहचान दिलाते हैं.

कोरोना काल में भी श्री उपाध्याय सतत सक्रिय रहे. उस वक्त श्री उपाध्याय को अपनी शाला के उन निर्धन बच्चों की चिंता थी. श्री उपाध्याय निर्णय लिया मैं शाला में अध्ययनरत बच्चो के घर-घर जाकर उन्हें अपने निजी खर्च से मास्क लेकर दूँगा. साथ ही लगातार कोरोना की रोकथाम हेतु लोगो को समझाइश देते हुये अनेको जागरूकता कार्यक्रम किये. 200 ऑनलाइन मीटिंग भी कीं. इतना ही नही कोरोनकाल में घर-घर जाकर निजी ख़र्च से ऑटो करके दाल, चावल, तेल आदि के पैकेट बनाकर सूखा राशन वितरण करना, संकुल से स्वयं जाकर पुस्तक/ड्रेस वितरण करना, समय-समय पर साबुन, बिस्किट, कम्पास, जूता, बेल्ट कॉपी-पेन आदि वितरित करके अत्यंत निर्धन बच्चों को आर्थिक सहयोग करना, जैसे सैकड़ो श्रेष्ट कार्य उन्‍होने किये.

उन्‍होने अनेको नवाचार भी किये हैं, जैसे, निर्धन व पढ़ाई में कमजोर बच्चो को गोद लेना, बच्चा बैंक, बाल संसद का गठन, खेल-खेल में शिक्षा, गीत सि‍खना, नृत्य, राखी, केश सज्जा, कबाड़ से जुगाड़, डस्ट बिन बनाना, पेंटिंग, रंगोली, लिखावट सुधार हेतु प्रतिदिन एक पेज कॉपी लिखकर लाना प्रतियोगिता, आदि प्रमुख हैं. वे स्वास्थ विभाग व्दारा निर्देशित एवम् आयोजित समस्त कार्यो में सहभागिता देते हैं. इन्ही कार्यों के कारण श्री उपाध्याय को शिक्षा विभाग कोरबा द्वारा 1 नवम्बर2022 को संसदीय सचिव एवं कलेक्टर तथा कोरबा जिले के समस्त विधायको की उपस्थिति‍ में राज्योत्‍सव के अवसर पर मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण सम्मान से सम्मानित किये जा चुका है. लायन्स क्लब कोरबा, रोटरी क्लब कोरबा व्दारा भी अनेको बार शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जा चुके है. श्री उपाध्याय बहुत ही अच्छे गायक, कवि, उदघोषक व कुशल वक्ता भी हैं.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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