उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

गरीब प्रतिभावान छात्रों का भविष्य संवार रही खेमलता गोस्वामी

दुर्ग जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर की दूरी पर बसा है गांव मचांदूर, जहां 14 साल पहले इस शिक्षिका का स्थानांतरण हुआ. तब शाला में शिक्षा की स्थिति ठीक नहीं थी. बेरंग दीवारें, पेड़-पौधों से विहीन शाला परिसर, छात्रों में पढ़ाई के प्रति कोई रुचि नहीं, एक्टिविटी का कोई नामो निशान नहीं था. खेमलता जी ने तभी ठान लिया कि वह अपनी मेहनत से जितना हो सके बच्चों के लिए एवं विद्यालय के लिए ऐसा कार्य करेंगी की लोग सरकारी स्कूलों की तारीफ करें. आज 14 सालों बाद यह मंज़र देखने को मिल रहा है, कि खेमलता जी की पहल से शाला का आकर्षक वातावरण, अतिरिक्त कमरे, आकर्षक गार्डन, स्मार्ट क्लास, गणित, विज्ञान, इंग्लिश के लैब, सुसज्जित कक्षा, पेयजल, शौचालय एवं प्रिंट रिच वातावरण से सुसज्जित यह विद्यालय राह से गुजरते लोगों को सहज ही आकर्षित कर लेता है. शिक्षिका बच्चों को अतिरिक्त समय में राष्ट्रीय साधन सह प्रवीण्य परीक्षा की तैयारी करवाती हैं, जिससे पिछले कुछ सालों में यहां के 15 से भी अधिक छात्र छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं. एक छात्र तो पूरे छत्तीसगढ़ में इस परीक्षा में व्दि‍तीय स्थान बना चुका है.

राज्य स्तरीय कार्यक्रम गुरु तुझे सलाम में शिक्षिका का चयन किया गया था. खेमलता जी के विशेष कार्यों हेतु वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण पुरस्कार से उन्‍हें नवाजा गया. उत्कृष्ट नवाचारी शिक्षक पुरस्कार, नारी सम्मान से भी इन्‍हें पुरस्कृत किया जा चुका है. शाला को भी उत्कृष्ट विद्यालय का पुरस्कार प्राप्त हुआ है. राज्य स्तरीय पत्रिका शिक्षा के गोठ में भी शिक्षिका की सफलता की कहानी प्रकाशित की गई है. खेमलता जी ने ब्लॉक पीएलसी के रूप में पाठन कौशल को विकसित करने हेतु पुस्तक भी लिखी है जिसका विमोचन माननीय गृह मंत्री जी के हाथों किया गया है.

कोरोना काल में स्वयं के व्यय पर पोस्टर निर्माण कर गांव-गांव जाकर सी.जी. स्कूल से जुड़ने तथा ऑनलाइन क्लास लेने हेतु एवं मोहल्ला क्लास में शिक्षा जारी रखने हेतु शिक्षिका ने विशेष अभियान चलाया. गांव के युवाओं का सहयोग लेकर 19 शिक्षक सारथियों के साथ शिक्षा की अलख को जगाए रखा तथा स्वयं जिला स्तर पर इंग्लिश की ऑनलाइन कक्षाएं लेकर दूर-दूर के छात्रों को भी अपनी नवाचारी गतिविधियों एवं शिक्षा के साथ जोड़ने में कामयाब रहीं. पढ़ई तुंहर दुवार पोर्टल cgschool.in पर शिक्षिका व्दारा तैयार की गई शिक्षण सामग्री एवं वीडियो सिलेक्ट कर अपलोड किए गए हैं. शिक्षिका ने यूट्यूब चैनल का निर्माण कर अनेकों वीडियो के माध्यम से दूर-दूर के छात्रों को भी सरल अधिगम आधारित शिक्षा उपलब्ध कराई है. शिक्षिका छुट्टियों में भी ऑनलाइन क्लास लेकर बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाती हैं.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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