उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवम बच्चों की शाला में नियमित उपस्थिति के लिए समुदाय को जागरुक करने वाली शिक्षिका ममता सिंह

श्रीमती ममता सिंह शासकीय प्राथमिक शाला कुम्हाररास सुकमा की सहायक शिक्षिका हैं. बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए वे हमेशा प्रयास करती रहती हैं. शिक्षा का उद्देश्य बच्चों के शारीरिक, मानसिक, चारित्रिक, नैतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास करना है. समुदाय हमे इन सब उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायता करता है. इसीलिये वे बच्चों को नियमित स्कूल आने के लिए समुदाय के लोगों विशेषकर महिलाओं से हमेशा संपर्क बनाए रखती हैं. वे समुदाय की महिलाओं को जागरुक कर रही हैं, क्योंकि महिलाएं ही बच्चों को ज्यादा समय देती हैं.ममता जी कक्षा पहली और दूसरी के बच्चों को भाषा पढ़ने के कौशल का विकास करना तकनीकी रूप से सिखा रही हैं, ताकि वही बच्चे तीसरी और चौथी कक्षा में पुस्तक पढ़कर स्वयं प्रश्नों का उत्तर दे सकें.

शाला के बच्चों को ममता जी ने नवाचार से ओतप्रोत कर सीखने का समान रूप से अवसर दिया है. इस तरह बच्चों को सीखने सिखाने की नियमित प्रक्रिया उनकी शाला में चल रही है. इसका परिणाम भी दिख रहा है. बच्चे नियमित उपस्थित हो रहे हैं. नई नई चीजें सीख रहे हैं.

कोरोना काल में उन्‍होने बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास भी लिये थे. कई बच्चे उनकी ऑनलाइन क्लास से जुड़कर लाभन्वित होते थे.

वे बच्चों को शैक्षिणिक भ्रमण में भी ले जाती हैं. उनकी शाला में बच्चों की माताओं व्दारा अपनी स्थानीय भाषा में बातें कर बच्चों के माता-पिता को नियमित शाला आने के लिए प्रेरित किया जाता है. समुदाय की महिलाओं व्दारा शाला में बच्चों एवम पालकों के समक्ष कहानी भी सुनाई जाती हैं. विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन शाला में किया जाता है.

शाला की दर्ज संख्या शुरुवात में 54 थी, लेकिन अब दर्ज संख्या बढ़कर 128 हो गई है. शाला में प्रिंटरि‍च वातावरण का निर्माण किया गया है.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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