उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

बिसे लाल अपनी नवाचारी गतिविधि से बच्चों का कर रहे हैं सर्वांगीण विकास

एक शिक्षक के रूप में बिसे लाल का उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी को गतिविधियों में शामिल करना होता है, क्योंकि हर विद्यार्थी के सोचने समझने और सीखने का स्तर अलग होता है. अत: वे पाठ्यक्रम को आधार बनाकर विभिन्न शैक्षिक व सह शैक्षिक गतिविधि के माध्यम से बच्चों को सिखाने का कोशिश करते हैं. बिसे लाल ने अपने नवाचारी गतिविधियों से प्राथमिक शिक्षा को अत्यंत रुचिकर मनोरंजक एवं छोटे छोटे बच्चों को अनुकूल बना दिया है जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो रहा है. बच्चे खेल खेल में सीख रहे है. एफ.एल.एन के तहत कबाड़ से जुगाड़ करके टी.एल.एम का निर्माण किया गया है, जिससे बच्चे पठन कौशल में दक्ष हो रहे हैं. पठन कौशल हेतु बिग बुक, विषय माडल, प्रिंट रिच वातावरण, मुस्कान पुस्तकालय की व्यवस्था करना, खिलौना निर्माण, किया गया है. उपस्थिति बढाने के लिए स्मार्ट क्लास की व्यवस्था किया गया खेल समाग्री उपलब्ध कराया गया. बस्ता मुक्त दिन गायन, खेल कूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, क्राफ्ट कक्षा, पुस्तक वाचन प्रतियोगिता का अयोजन किया गया एवं बच्चे को सम्मान भी दिया जाता है, जिससे सभी बच्चों की सहभागिता होती है.

बच्चों को सक्रिय रखकर सीखने में विद्यालय का परिणाम सुखद होता है. निजी विद्यालयों के भी कई बच्चों ने इनके विद्यालय में प्रवेश लिया है. विद्यालय की दर्ज संख्या निरंतर बढ़ रही है. समुदाय का जुड़ाव विद्यालय के प्रति बढ़ रहा है. शिक्षक बच्चों को नियमित रूप से टी.एएल.एम. और गतिविधि आधारित शिक्षा देते रहे हैं. विद्यालय में विषय वस्तु को सरल और रोचक बनाने के लिए डिजिटल शिक्षा के तहत स्मार्ट टीवी, वीडियो और स्वयं से देखकर सीखने पर फोकस किया जाता है. इस कारण बच्चे आसानी से सीखते हें और उनका रुझान स्कूल की ओर बझ़ता है.

कोरोना काल में भी बि‍से लाल ने कोविड-शाला विकास योजना बनाकर शैक्षिक गुणवत्ता हेतु वातावरण तैयार किया. शाला में प्रिंट रिच गतिविधि पूरे गांव में दीवार लेखन और रंग-रोहन कर कार्य किया अप्रवेशीय, अनियमित बच्चों को शाला में बनाए रखने के लिए नियमित पालक संपर्क किया एवं विशेष प्रयास किया. बिसे लाल जी को उनके उत्कृष्ट कार्य के कारण विकासखंड स्तर एवं जिला स्तर पर सम्मानित किया गया है.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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