समस्त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.
नवाचारी शिक्षिका क्षमा साव
क्षमा साव, प्रधान पाठक शासकीय प्राथमिक शाला चुरेला, विकासखंड, बिलाईगढ, जिला, सारंगढ़-बिलाईगढ में पदस्थ हैं. उन्होाने 2005 से शिक्षकीय कार्य प्रारंभ किया था. उनका जीवन सरल स्वभाव का रहा है. बच्चो के साथ शुरू से घुलमिलकर रहना, खेलना, उनसे बातें करना, हंसी मजाक के साथ ही पढ़ाई में बच्चो की दिलस्पी बढ़ाना, यही सब वे करती रही हैं. जब उन्होने शिक्षकीय कार्य प्रारंभ किया, तो देखा कि बच्चे बहुत कम स्कूल आते थे. उनहोने लगातार पालक संपर्क किया और SMC सदस्यों में अधिक से अधिक माताओं को जोड़ा, क्योंकि माताओं को सबसे अधिक प्रेरित करने की आवश्यकता थी. बैठको के दौरान उन्होमने लगातार बच्चो को स्कूल आने के लिए प्रेरित किया. माताओं से लगातार संपर्क के बाद बच्चो की उपस्थिति बढ़ने लगी. उन्होडने इसके लिए कई नवाचार भी किए, जिसके माध्यम से बच्चो का पढ़ाई की ओर रुझान बढ़ने लगा.
उन्होने खेल-खेल में पढ़ाने के साथ गर्मी की छुट्टियों में बच्चों को कढ़ाई, पेंटिंग, कपड़े की गुड़िया बनाना, मिट्टी के खिलौने, हेयर डिजाइनर, मेहंदी, गुलदस्ता बनाना, राखी बनाना, मिट्टी के दियो और मटको में रंग भरकर सजाना आदि सिखाना शुरू कर दिया, जिसे बच्चे बहुत रुचि से करने लगे.
जब वैश्विक बीमारी कोरोना आयी तो बच्चो का पढ़ने का स्तर गिरने लगा. तब उन्होने बच्चो की ऑनलाइन क्लास शुरू की. परंतु गांव में नेट व मोबाइल पर्याप्त साधन न होने के कारण बच्चे नही पढ़ पाते थे. इसलिए उन्हो ने पढ़ई तुंहर दुवार के अन्तर्गत गाइड लाइन का पालन करते हुए मोहल्ला क्लास लेना प्रारंभ कर दिया. गांव के चबूतरे पर उन्होने क्लास लेना शुरू कर दिया. इसमे बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित होकर पढ़ने लगे. इस दौरान उन्होने देखा कि सभी बच्चे मास्क लगा कर नही आते थे. तब उन्हो ने सभी बच्चो को मास्क का वितरण भी किया, और सेनेटाइजर का लगातार उपयोग एवं साफ सफाई की ओर विशेष ध्यान आकर्षित करती रहीं.
क्षमा जी ने आमाराइट प्रोजेक्ट पर भी कार्य किया. उन्होने अध्यापन कार्य में अधिक से अधिक सहायक शिक्षण सामग्री का उपयोग किया. कई गतिविधिया एवं TLM वीडियो उनके यूट्यूब चैनल पर अपलोड हैं, जो बच्चो की शिक्षा से सबंधित हैं. उन्होकने शून्य निवेश नवाचार, कबाड़ से जुगाड, समर कैंप, छलांग कार्यक्रमों में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई. कई बार उन्होने देखा कि बच्चो के पास कॉपी पेन नही होता. बच्चो की पढाई को ध्यान में रखते हुए कॉपी, पेन, कंपास बॉक्स भी बांटना शुरू किया. वे FLN एवं स्कूल रेडीनेस से सम्बन्धित अनेक गतिविधियां शाला में संचालित करवाती हैं. इसके साथ ही स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल, फैंसी ड्रेस, आनंद मेला व अन्य रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन कराती रहती हैं, ताकि बच्चो की रुचि स्कूल और पढ़ाई के प्रति बनी रहे. क्षमा जी ने दीक्षा एप, टीचर एप के माध्यम से कई गतिविधियां सीखी हैं, जिससे विद्यालय को सुचारू रूप से संचालित करवाती हैं और बच्चे बड़ी सुगमता के साथ सीखते हैं.
क्षमा साव को प्राप्त सम्मान
- उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान 2022
- उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान 2023
- कबाड़ से जुगाड सम्मान पत्र
- समर कैंप हेतु विकासखंड से सम्मान पत्र
- कई संस्थाओं से समान पत्र
अस्वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्वयं उनका सत्यापन नही किया है.