उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

बाल अखबार निकालने वाली शालिनी कश्यप

शालिनी कश्यप प्राथमिक शाला रवान, विकासखण्ड बलौदाबाजार, जिला बलौदाबाजार में पदस्थ हैं. वे कक्षा में लगातार अनेक गतिविधियां कराती हैं. उनकी एक गतिविधि बाल अखबार बच्चों में बहुत लोकप्रिय है. इस गतिविधि में एक बॉक्स में बच्चों द्वारा लिखी हुई कहानी, कविता और चित्र को डलवाया जाता है. फिर शनिवार को बच्चों को ही सम्पादक बनाया जाता है. सम्पादक मण्डल में जो बच्चे रहते है वो ही उनमें से अच्छी रचनाओं को छांटकर उन्हें पेपर में चिपकाते हैं और इस तरह से बाल अखबार प्रकाशित किया जाता है. इस गतिविधि से बच्चों में उत्साह बना रहता है. जिस बच्चे की रचना प्रकाशित होती है वो तो खुश होता ही है, बाकी बच्चों को भी प्रोत्साहन मिलता है, कि अगली बार हमारी बारी भी आएगी और हमारी रचना प्रकाशित होगी. इसके लिये वो नई नई चीजें सोचते है जिससे उनकी रचनात्मकता विकसित होती है.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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