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प्रियतम मेरे आ जाना तुम

जब खामोशी दम तोड़ दे और परछाईं साथ छोड़ दे,
उस बेला में साथ छोड़ कर मुझसे दूर नहीं जाना तुम,
प्रियतम मेरे आ जाना तुम…
अंधेरा घनघोर सा लगे, पात का हिलना शोर सा लगे,
एक अनछुई सी सिहरन बनकर दिल के पास चले आना तुम,
प्रियतम मेरे आ जाना तुम…


सरगोशियाँ सुनाई ना दें, और महफिलें दिखाई ना दें,
उस पल मेरा हाथ थाम कर मेरा साथ निभा जाना तुम,
प्रियतम मेरे आ जाना…
दिशाहीन गंतव्य हो रहा जीवन लगता व्यर्थ हो रहा,
इस जीवन की नैया को खे भव के पार लगा जाना तुम,
प्रियतम मेरे आ जाना तुम…


सांसें जब ठंडी पड़ जाएँ और धड़कने रुक-रुक जाएँ,
मेरी भूलें बिसराना पर मुझको छोड़ नहीं जाना तुम,
प्रियतम मेरे आ जाना तुम…


विस्मृत थी मैं खोई हुई थी जागी सी पर सोई हुई थी,
उस अनंत अदृश्य विलय में बन कपूर घुल-मिल जाना तुम,
प्रियतम मेरे आ जाना तुम…

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