अधूरी कहानी पूरी करो

पिछले अंक में हमने आपको यह अधूरी कहानी पूरी करने के लिये दी थी –

घमण्डी ऊँट

dec-aStory

एक गाँव में एक बढ़ई रहता था. वह बहुत गरीब था. गरीबी से तंग आकर उसने लकड़ियाँ काटकर बेचने की सोची. जब वह जंगल गया तो वहाँ उसने देखा कि एक ऊँटनी प्रसवपीड़ा से तड़प रही है. ऊँटनी ने जब बच्चे को जन्म दिया तो बढ़ई उँट के बच्चे और ऊँटनी को लेकर अपने घर आ गया. ऊँटनी को खूँटी से बाँधकर वह उसके खाने के लिये पत्तों-भरी शाखायें काटने वन में गया. ऊँटनी ने हरी-हरी कोमल कोंपलें खाईं. बहुत दिन इसी तरह हरे-हरे पत्ते खाकर ऊँटनी स्वस्थ और पुष्ट हो गई. ऊँट का बच्चा भी बढ़कर तंदुरुस्त हो गया. बढ़ई ने उसके गले में एक घंटा बाँध दिया, जिससे वह कहीं खो न जाए.

ऊँटनी के दूध से बढ़ई के बाल-बच्चे भी पलते थे. ऊँट भार ढोने के भी काम आने लगा.

उस ऊँट-ऊँटनी से ही उसका व्यापर चलता था. यह देख उसने कुछ धन उधार लेकर एक और ऊँटनी खरीद लाया. उसके पास अनेक ऊँट-ऊँटनियां हो गईं. उनके लिये रखवाला भी रख लिया गया. बढ़ई का व्यापार चमक उठा.

शेष सब तो ठीक था, किन्तु जिस ऊँट के गले में घंटा बँधा था, वह बहुत गर्वित हो गया था. वह अपने को दूसरों से विशेष समझता था. सब ऊँट वन में पत्ते खाने को जाते तो वह अकेला ही जंगल में घूमा करता था.

उसके घंटे की आवाज़ से सबको यह पता लग जाता था कि ऊँट किधर है. सबने उसे मना किया कि वह गले से घंटा उतार दे, लेकिन वह नहीं माना.

एक दिन जब सब ऊँट वन में पत्ते खाकर तालाब से पानी पीने के बाद गाँव की ओर वापिस आ रहे थे, तब वह सब को छो़ड़कर जंगल की सैर करने अकेला चल दिया. शेर ने घंटे की आवाज सुनकर उसका पीछा़ किया.

इस कहानी को पूरी कर हमें जो कहानियाँ प्राप्त हुई उन्हें हम प्रदर्शित कर रहे हैं.

संतोष कुमार कौशिक द्वारा पूरी की गई कहानी

शेर को अपनी ओर आते देख ऊँट घबरा गया. वह सोचने लगा कि आज मुझे शेर अपना शिकार बना ही लेगा. मेरे साथियों ने घंटा उतारने की सलाह ठीक ही दी थी. लेकिन मैं अपने को दूसरे से विशेष समझता था. अब मैं इस घंटे की वजह से छुप भी नहीं सकता. मुझे आज अपनी जान गँवानी होगी. अपने किए कार्य पर प्रायश्चित करते हुए मन ही मन अपने साथियों से क्षमा याचना कर, अलविदा साथियों कहते हुए, आँखें बंद कर ईश्वर को याद करने लगा.

शेर ने ऊँट का शिकार करने के लिए छलांग लगाई. उसी समय वृक्ष पर बैठे शिकारी ने शेर को तीर से घायल कर दिया. शेर धरती पर गिर गया और फिर अपनी जान बचाने दूर भाग गया. आवाज सुनकर ऊँट ने आँखें खोलीं. यह क्या? शेर मुझे खाने की बजाय दूर भाग रहा है.

शिकारी को देखकर ऊँट समझ गया कि मुझे शेर के चंगुल से बचाने वाला यह शिकारी ही है. शिकारी को अपनी जान बचाने का बहुत-बहुत धन्यवाद दिया. ऊँट को समझ आ गया था कि इस घंटी की वजह से ही शेर आज मेरा शिकार कर रहा था. ऊँट ने घंटी निकालकर फेंक दी. अपने साथियों से मिलकर इस घटना को बताते हुए क्षमा माँगी.

अब सभी आपस में मिल जुलकर खुशी से रहने लगे.

अगले अंक के लिए अधूरी कहानी

रोहन का टॉमी

JanAK

आखिर वही हुआ जिसका रोहन को डर था. बात यह थी कि रोहन की बहुत दिनों से कुत्ते का एक पिल्ला पालने की इच्छा थी, पर उसके पापा इसके लिए तैयार नहीं थे.

पापा को किसी भी तरह का जानवर पालने से चिढ़ थी. रोहन अपने खाली समय में साथ खेलने के लिए एक पिल्ला पालना चाहता था. हुआ यह कि एक दिन स्कूल से घर आते समय रास्ते में रोहन को एक छोटा सा पिल्ला मिल गया. प्यारा छोटा सा पिल्ला देखकर रोहन उसके साथ खेलने लगा और फिर वह पिल्ला रोहन के साथ-साथ घर तक आ गया.

रोहन ने पापा की नजरों से बचाने के लिए पिल्ले को छिपाकर रख लिया, उसने पिल्ले का नाम टॉमी रख दिया था. पर मम्मी से वह टॉमी को छिपा नहीं पाया.

मम्मी ने रोहन की इच्छा जानकर उसे कुछ नहीं कहा और टॉमी को घर में रखने की बात मान ली. पर अब दोनों की चिन्ता यह थी कि पापा को टॉमी के बारे में कैसे बताएँ और उन्हें कैसे मनाएँ.

एक सप्ताह का समय बीत गया. पापा को टॉमी के बारे में पता नहीं चला. पर रविवार को पापा के ऑफिस की भी छुट्टी थी और वे घर पर ही थे. पापा ने रोहन को टॉमी के साथ खेलते देख लिया और उनका मूड बिगड़ गया.

सोमवार को सुबह ऑफिस जाने के पहले पापा, मम्मी से कुछ बात कर रहे थे. रोहन को लगा कि पापा शायद टॉमी को घर से निकालने की बात कह रहे होंगे. रोहन ने छिपकर सुनने की कोशिश की लेकिन वह पूरी बात समझ नहीं सका. पर उसे लगा कि पापा नाराज हो रहे थे और मम्मी उन्हें समझाने की कोशिश कर रही थीं.

इसके आगे क्या हुआ होगा? आप अपनी कल्पना से इस कहानी को पूरा कीजिए और 15 जनवरी 2022 तक हमें kilolmagazine@gmail.com पर भेज दीजिए.

पूरी की गई श्रेष्ठ कहानियों को हम किलोल के आगामी अंक में प्रकाशित करेंगे.

Visitor No. : 6760396
Site Developed and Hosted by Alok Shukla