चित्र देख कर कहानी लिखो
पिछले अंक में हमने आपको यह चित्र देख कर कहानी लिखने दी थी –
हमें जो कहानियाँ प्राप्त हुई हम नीचे प्रदर्शित कर रहे हैं
यशवंत कुमार चौधरी द्वारा भेजी गई कहानी
शेर की सीख
एक बार की बात है. जंगल के किनारे एक गाँव में रामू के घर पर जूली नामक बिल्ली एवं रोमी नामक चुहिया रहती थी. रामू के घर अक्सर मछलियाँ एवं दूध रहता ही था जिसे खाने–पीने रोमी चुहिया आया करती पर उसकी नजर जब जूली पर पड़ती तो वह डर जाती और अपने इरादे में कामयाब नहीं हो पाती थी. जिससे खाने पर पूरा अधिकार जूली का हो जाता. जूली अक्सर रोमी को परेशान करती थी. रामू यह देखकर मुस्कुराता रहता. एक दिन जूली से बचकर रोमी दूध पी गई जिससे जूली को बहुत गुस्सा आया और वह रोमी को दौड़ाने लगी. रोमी को कुछ सूझ नहीं रहा था कि वह भागे कहाँ? पर जान की बाजी लगी थी, उसे एक तरकीब सूझी कि क्यों न जंगल की तरफ भागा जाए ? वह तेजी से भागकर जंगल के राजा शेर के पास पहुँची और सीधे उसकी पीठ पर चढ़ गई. जबतक रोमी ने शेर को पूरा वाकया सुनाया तबतक वहाँ दौड़ते हुए जूली पहुँची पर शेर के आगे उसकी एक ना चली. शेर ने जूली को सीख दी कि कभी बड़े या ताकतवर होने का अभिमान न करना और किसी को दुर्बल या छोटा मत समझना. प्रकृति में सबका अपना-अपना स्थान है. एक दूसरे की सहायता करना,आपस में प्रेम से रहना,उत्तम व्यवहार करना सभी का कर्तव्य है. ताकत,सेवा के लिए है न कि दुर्बलों पर अत्याचार के लिए. इस सीख से जूली की आँखें खुल गईं और उसे अपने व्यवहार पर पछतावा हुआ. इस घटना के बाद जूली के व्यवहार में परिवर्तन हुआ और रोमी से दोस्ती हुई. दोनों वापस गाँव आए और मिलजुलकर रहने लगे.
संतोष कुमार कौशिक द्वारा भेजी गई कहानी
चूहा बना राजकुमार
एक जंगल का राज शेर था. जब भी उसे भूख लगती, वह जंगल में शिकार करके अपनी भूख मिटाता और फिर अपनी गुफा में आराम करता था. शेर की जिंदगी बड़े आराम से कट रही थी. एक दिन एक चूहा शेर की गुफा के पास बिल बनाकर रहने लगा. एक दिन शेर जब शिकार से वापस आकर अपनी गुफा में आराम कर रहा था तभी चूहे को शरारत सूझी और वह सोते हुए शेर के शरीर पर दौड़ने लगा. जब वह शेर की पूँछ पर दौड़ते हुए नीचे आया. शेर चौंककर उठा और गुस्से से दहाड़ते हुए, उसने चूहे को पकड़ लिया चूहा बहुत छटपटाया पर बचकर भाग न सका. चूहा बुरी तरह डर गया. तब चूहे ने शेर से कहा-'हे राजा मैं बहुत डर गया हूँ. आप इस बार मुझे माफ कर दीजिए, मैं आपका उपकार कभी नहीं भूलूँगा और शायद किसी दिन मैं आपकी कुछ मदद करूँगा.'
चूहे द्वारा मदद की बात सुनकर शेर हँसते हुए कहने लगा-' तू इतना छोटा सा चूहा जंगल के राजा शेर की क्या मदद करेगा, जा तुझे माफ किया, मैं अभी भूखा भी नहीं हूं और न ही तुझे खा कर मेरा पेट भरेगा. 'यह कहते हुए उसने चूहे को जाने दिया. चूहे ने राजा शेर को धन्यवाद दिया. शेर ने कहा तुम बहुत भाग्यशाली हो,जाओ अब मुझे कभी परेशान नहीं करना वरना मेरे हाथों से मारे जाओगे.
कुछ दिनों पश्चात शेर शिकार की तलाश में घूम रहा था तभी वह शिकारियों के फैलाए जाल में फँस गया. जाल में फँसे शेर ने जोर-जोर से दहाड़ लगाई और जाल से निकलने की कोशिश की लेकिन वह जाल से निकल नहीं पाया. चूहे सहित सभी जानवरों ने दहाड़ सुनी. चूहे ने सोचा कि राजा मुश्किल में है,मुझे उनकी मदद करनी चाहिए. यह सोच कर चूहा दौड़कर शेर के पास पहुँचा और कहा-घबराइए मत राजाजी,मैं शिकारियों के आने के पहले आपको जाल से मुक्त कराऊँगा. यह कहते हुए चूहे ने अपने तेज दाँतो से जाल काटकर जल्दी ही शेर को जाल से मुक्त कर दिया. शेर को अब पता चला कि छोटा सा चूहा भी बहुत मदद कर सकता है. शेर ने चूहे को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब तुम खुशी से जंगल में रहो. तुमने राजा की जान बचाई है अब तुम इस जंगल के राजकुमार हो,राजकुमार... चूहे ने राजा को धन्यवाद दिया और वहाँ से जाने लगा. तभी शेर ने कहा आओ मैं तुम्हे अपनी पीठ पर बैठाकर जंगल की सैर कराता हूँ. चूहा बहुत खुश होकर और शेर की पीठ पर बैठ गया. राजा शेर की पीठ पर चूहे को बैठा देख बिल्ली शेर से कहने लगी-' राजा यह क्या हो रहा है? जंगल के राजा शेर पर छोटा सा चूहा सवारी कर रहा है. यह राजा को शोभा नहीं देता. ' तब शेर ने कहा- यह छोटा है,तो क्या हुआ इसने जंगल के राजा शेर की जान बचाई है. इसे मैंने राजकुमार के पद पर प्रतिष्ठित किया है. जंगल के सभी जानवर इसका सम्मान करेंगे, जो भी इसे परेशान करेगा वह इस जंगल में जिंदा नहीं रहेगा. राजा शेर की आज्ञा का पालन करते हुए जंगल के सभी जानवर चूहे को 'राजकुमार' का सम्मान देने लगे.
अगले अंक की कहानी हेतु चित्र
अब आप दिए गये चित्र को देखकर कल्पना कीजिए और कहानी लिख कर हमें यूनिकोड फॉण्ट में टंकित कर ई मेल kilolmagazine@gmail.com पर अगले माह की 15 तारीख तक भेज दें. आपके द्वारा भेजी गयी कहानियों को हम किलोल के अगल अंक में प्रकाशित करेंगे