किचन गार्डन एक ,फायदे अनेक
रचनाकार - मनोज कुमार पाटनवार
उद्देश्य:- किचन गार्डन से पर्यावरण एवं जैविक खेती की समझ के साथ बच्चों को मध्याह्न भोजन में ताजी हरी सब्जियों का लाभ देना एवं विज्ञान के कुछ अवधारणाओं की समझ विकसित करना.
क्रियाविधि :- स्कूल में किचन गार्डन को बांस से घेराबंदी कर स्कूल के पीछे निर्माण किया गया है जिसमें जून-जुलाई में भिंडी , टमाटर ,खीरा ,लौकी तथा नवंबर दिसंबर में धनियां, मेथी ,गोभी , बैगन, टमाटर ,लाल भाजी , मूली , पपीता आदि की बुवाई की गयी है. जिससे मध्याह्न भोजन में बच्चों को दो सब्जी खाने का फायदा मिल रहा है साथ ही शुद्ध ऑक्सीजन भी प्राप्त हो रही है प्रातः भ्रमण के लिए बच्चे कहीं और न जाकर किचन गार्डन में ही आते हैं इनके अलावा कक्षा छठवीं के अध्याय सजीव की संरचना में वृक्ष ,लता ,झाड़ी तथा कक्षा आठवीं के खाद्य उत्पादन एवं प्रबंधन को किचन गार्डन में ले जाकर प्रत्यक्ष पढ़ाने से अवधारणाओं कीअच्छी समझ बनती है जैसे छरहटा विधि बताने के लिए लाल भाजी ,मेथी ,सरसों तथा रोपण विधि को समझाने के लिए बैंगन ,टमाटर, गोभी को दिखाकर बताया गया जिससे बच्चों में आसानी से समझ विकसित होती है
लाभ :- 1. बच्चे भविष्य में कृषि कार्य में रुचि लेकर आत्म निर्भर बन सकते हैं.
2. किचन गार्डन बच्चों को आकर्षित करता है बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता के साथ प्रेम की भावना उत्पन्न करता है.
3. वृक्ष ,झाड़ी , लता की समझ बनती है.
4. मिट्टी जुताई के लाभ को जानेंगे एवं स्वयं करके किचन गार्डन के माध्यम से छरहटा, बीज बेधन तथा रोपण विधि को भी समझेंगे.
विशेष:- 1. किचन गार्डन की हरी ताजी सब्जियों के जायकेदार होने से मध्याहन भोजन, बच्चे बड़े ही चाव से खाते हैं.
2. बच्चे पर्यावरण के महत्व को समझ पौधों की सुरक्षा करते हैं.