छत्तीसगढ़िया लईका

रचनाकार - डागेश्वर प्रसाद साहू

चटनी बासी ला खाबो जी,
स्कूल पढ़े बर जाबो जी.

अंकित जाही शिखा जाही,
मोन्टू संग म दीक्षा जाही.

हिंदी म हम पुस्तक पढ़बो,
छत्तीसगढ़ी म गोठियाबो.

पढ़के आगू बढ़बोन जी,
राज नवा हम गढ़बोन जी.

पक्का बंगाला

रचनाकार - टीकेश्वर सिन्हा ' गब्दीवाला '

बखरी के बंगाला,
बढ़िया लाल-लाल.
सील मं पीस के,
येकर देख ले कमाल.

सुवाद मुताबिक नून,
अउ मिर्ची नान-नान.
मस्त हरियर धनिया,
ये चटनी के कमाल.

थोरकिन जिभिया ले जी,
मस्त चटका मार के
थारी-थारी भात मं,
चीखना हे दार के.

चल संगवारी स्कूल जाबो

रचनाकार - टीकेश्वर सिन्हा ' गब्दीवाला '

चल संगवारी स्कूल जाबो, साक्षर भारत हम बनाबो.
बड़े बिहनिया उठबो हमन, खेलबोन पढ़बोन लिखबो हमन.
अँधियारी हर दूर पराही,अंजोरी हर कऊखन आही.
पुस्तक बस्ता धर के हमन,सुग्घर गढ़बोन अपन जीवन.
चल संगवारी स्कूल जाबो, साक्षर भारत हम बनाबो
बासी खा के स्कूल जाबोन, चऊमीन मैगी दूर भगाबोन.
बन ठन के हम स्कूल जाबोन, गुरु के आशीष हमन पाबोन.
चल संगवारी स्कूल जाबो,साक्षर भारत हम बनाबो.
डोगरी पहार हम चढ़ के जाबो,तब्भे तो हम नाम कमाबो.
नवा नवा हम अक्षर पढ़बो,अक्षर ले जिनगी गढ़बो.
गुरुजी ले हम पाबोन ज्ञान,तब्भे बनही देश महान.
चल संगवारी स्कूल जाबो, साक्षर भारत हम बनाबो.

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