पहेलियाँ
प्रस्तुँतकर्ता - टीकेश्वर सिन्हा 'गब्दीवाला'
- तरुवर में शान इनकी
सकल अंग कड़ुवापन
जड़ से पाती औषधि
बताओ तो बेटा सपन
- धीरे-धीरे वह चलता है
पेड़ों पर भी चढ़ता है
ओढ़ इक काली रजाई
मजे से खाये रस-मलाई
- एक डॉक्टर ऐसा भी
घर आय बिन बुलाय
फोकट में सुई लगाय
कभी दर्द कभी खुजलाय
- हाय ! हाथ की नहीं मिटी मेहंदी
माथ का सिंदूर हुआ उदास
इन पंक्तियों में बताओ तो तुम
किस काव्यरस का है वास
- एक सोफ़ा आकाश में
बूझिए भैय्या आप
जिसमें बैठी दादी माँ
देखती हमें चुपचाप
उत्तर :- 1. नीम का पेड़. 2. भालू. 3. मच्छर. 4. करूण रस. 5. चाँद.