छत्तीसगढ़ी बालगीत

करिया बादर आही संगी

लेखक - बलदाऊ राम साहू

करिया बादर आही संगी,
सबके मन हरसाही संगी '

झिमिर-झिमिर पानी गिरही,
कमिया मन मुसकाही संगी '

तरिया, नरवा, नदिया भरही,
सब मन मजा उड़ाही संगी '

मछरी, मेचका कूद-कूद के,
राग मल्हारी गाही संगी '

बदरा ऊपर जब बदरा छाही,
सूरज हर असकटाही संगी '

जब बरसात होती है तो आपके आसपास क्या-क्या होता है ?

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