बालगीत

फूल

लेखिका – चानी एरी

बाग-बाग में खिलते फूल
सदा बिहंसते रहते फूल

महक भरी रहती है इनमे
सबको अच्छे लगते फूल

कांटों का कोई मित्र नहीं
कांटों में ही खिलते फूल

अनगिन गुण इनमें होने से
शीष चढ़ाए जाते फूल

फूल सिखाते हंसते रहना
हर मौसम में खिलते फूल

एक थी धानी

लेखक - ईश्वरी कुमार सिन्हा

एक थी धानी
सामने आ रही थी नानी

धानी बोली - सुन मेरी नानी
मुझे सुनाओ कोई कहानी

नानी बोली - सुन मेरी धानी
मुझे पिलाओ पहले पानी
फिर सुनाऊँ मैं तुम्हे कहानी

धानी ने नानी को
पिलाया पानी,
नानी ने धानी को
सुनाई कहानी

किताबें शाला की

लेखक - नवीन कुमार तिवारी, अथर्व

किताबें देख डरते,
भारी बोझ लिए बस्ते ।
झुके रीढ़ किये बच्चे,
कुछ तो सोचिये ।।

क्या पढ़े पोथी पुराण,
पढ़े लिखे ये शैतान ।
धर्म ग्रन्थ क्या महान,
कुछ तो देखिये ।।

मिले कैसे सर्व ज्ञान,
दबे हुए मीत प्राण ।
कब लेंगे ये संज्ञान,
कुछ तो मानिये ।।

किताबें ज्ञान भंडार ,
पढ़ते कहाँ संसार ।
पढ़े कैसे बिरवान,
कुछ तो बोलिए ।।

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