पहेलियां

लेखक - दिलकेश मधुकर

  1. मुझे उलट कर देखो, लगता हूं मैं नौजवान।
    कोई अलग ना रहता मुझसे, बच्चा बूढ़ा और जवान।।
  2. जितनी ज्यादा सेवा करता, उतना घटता जाता हूं।
    सभी रंग का नीला पीला, पानी के संग भाता हूं ।।
  3. सिर संग भी है नाता मेरा, बिस्तर से भी नाता।
    बोझ उठा कर आपका मैं, मीठी नींद सुलाता।।
  4. देखी रात अनोखी वर्षा, सारा खेत नहाया।
    पानी तो पूरा शुध्द था, पर पी ना कोई पाया।।
  5. सरस्वती की सफेद सवारी, मोती जिनको भाते।
    करते अलग दूध से पानी, बोलो कौन कहाते?

उत्तर

(1) वायु (2) साबुन (3) तकिया (4) ओस (5) हंस

Visitor No. : 6747330
Site Developed and Hosted by Alok Shukla