चित्र देखकर कहानी लिखो
पिछले अंक में हमने कहानी लिखने के लिये यह चित्र दिया था –
इस चित्र पर कु. अंजली मरकाम की कहानी हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं –
कबूतर और चींटी
लेखिका - कु.अंजली मरकाम, कक्षा सातवीं, नवापारा कर्रा पाली कोरबा छत्तीसगढ़
किसी नदी के किनारे एक पेड़ पर चींटियों का छत्ता था. छत्ते में बहुत सी चींटियां रहती थीं. उनमें एक रानी चींटी भी थी. एक दिन रानी चींटी नदी में गिर गई. उसने पानी से निकलने का बहुत प्रयत्न किया परन्तु वह निकल न सकी. वह नदी की धारा में बहने लगी. नदी के किनारे एक कबूतर पानी पी रहा था. उसे चींटी पर बहुत दया आई. वह चींटी को बचाने के लिए एक सूखा पत्ता लेकर अपनी चोंच में दबाये हुए नदी के किनारे -किनारे उड़ने लगा. थोड़ी दूरी पर जब उसे रानी चींटी दिखाई दी तो उसने पत्ता चींटी के बिल्कुल आगे डाल दिया. चींटी पत्ते पर चढ़ गई. पत्ता धीरे धीरे किनारे से लग गया. रानी चींटी डूबने से बच गई. उसने कबूतर को बहुत धन्यवाद दिया.
अगले अंक की चित्र कहानी के लिए हम आपको दीप्ति दीक्षित जी एवं उनके स्कूल के बच्चों व्दारा बनाया गया सुंदर चित्र दे रहे हैं. खास बात यह है कि यह चित्र दीप्ति जी एवं उनके स्कूल के बच्चों ने स्कूल की बाहरी दीवार पर बनाया है जिससे स्कूल की सुंदरता बढ़ गई है. आप भी इस प्रकार अपने स्कूल को सुंदर बना सकते हैं. अब इस चित्र पर अच्छी सी कहानी लिखकर हमें भेज दो. हमें आपकी कहानियां का इंतज़ार रहेगा.