बंद करो यह अधकचरी दवाओं की अंधी दौड़

जब से कोरोना की दूसरी लहर आई है, ऐसा लगता है कि सारी दुनिया पागल सी हो गई है. सब दूर भय और आतंक का वातावरण है. दवा कंपनियां और कुछ डॉक्‍टर भी इस आपाधापी का फायदा उठाने में और अपनी अधकचरी दवाओं को बेचकर लाभ कमाने में लगे हैं. इनमें से कुछ दवाओं के लिये पूरे देश में मारामारी मची हुई है. पिछले 2 दिनों में दसियों फोन तो इन दवाओं के लिये मेरे पास ही आये हैं. कुछ मीडिया के लोग स्थिति को और भयावह दिखाने के चक्‍कर में इन दवाओं की कमी का लगातार रोना रो रहे हैं. सरकारों के लिये यह ज़रूरी था कि पूरे रिसर्च के बिना इन दवाओं के उपयोग की अनुमति न देतीं, परन्‍तु आपात् उपयोग की अनुमति के नाम पर अधकचरी दवाओं के विक्रय की अनुमति न केवल लगातार दी जा रही है, बल्कि सरकारों में इस बात की होड़ सी लग गई है कि वे अधिक से अधिक लोगों को यह अनावश्‍यक दवाएं पहुंचा सकें.

मुझे एक चुटकुला याद आता है - एक बार एक नेताजी फुटबॉल मैच देखने गये. वहां पर अपने भाषण में उन्‍होने घोषणा की, कि वर्तमान सरकार निकम्‍मी है. बेचारे 11 खिलाड़ी एक बॉल के पीछे दौड़ रहे हैं. उनकी सरकार बनी तो वे सभी को अलग-अलग बॉल दिलायेंगे.

रेमडेसिव‍िर जैसी दवा के बारे में भी यही बात है. डॉक्‍टरों को लगता है कि अगर सबसे नई दवा नहीं लिखी तो उनका ज्ञान कम लगेगा. सरकारों को लगता है क‍ि अगर सबको सबसे नई दवा नहीं दिलाई तो सरकार निकम्‍मी कहलायेगी. रिश्‍तेदारों को लगता है क‍ि अगर नई दवा नहीं मंगाई तो लोग कहेंगे कि पैसे बचा रहे हैं. कोई यह नहीं जानता कि इन नई दवाओं का कोई असर है भी या नहीं. यह भी तो समझना चाहिये कि इनका बुरा असर भी हो सकता है. आइये इन दवाओं के बारे में समझने की कोशिश करते हैं.

रेमडेसिव‍िर (Remdesivir) - रेमडेसिव‍िर एक इंट्रावीनस दवा है जो शरीर के अंदर एक न्‍यूक्लियोटाइड बनाती है जो एडिनोसिन जैसा होता है. यह कोरोना वायरस के RNA-dependent RNA polymerase से जुड़ जाती है और RNA transcription को रोक कर वायरस को बढ़ने से रोकती है. प्रयोगशाला के क्रत्रिम परिवेश में इसे कोरोना वायरस के विरुध्‍द कार्य करते पाया गया है. पशुओं पर प्रयोगों में भी इसे कुछ प्रभावी पाया गया है. रेमडेसिव‍िर के उपयोग के मानव ट्रायल बहुत कम हुए हैं और अधिकांश में इसका कोई खास फायदा नहीं मिला है. न तो इसके उपयोग से मृत्‍युदर कम हुई और न ही इसके उपयोग से कोव‍िड के प्रभाव कम होते देखे गये. फिर भी कुछ दवा कंपनियों ने कुछ डॉक्‍टरों के माध्‍यम से इसके बेरोकटोक उपयोग को बढ़ावा दिया. नतीजा यह हुआ कि लोगों ने रेमडेसिविर को कोरोना की रामबाण दवा समझना शुरू कर दिया. जबकि सच यह है कि इसके लाभ के कोई प्रमाण हमारे पास नहीं है. रेमडेसिव‍िर की कालाबाज़ारी शुरू हो गई. दो हज़ार रुपये की दवा बीस हज़ार में ब‍िकने लगी. सरकारों ने रेमडेसिव‍िर की सप्‍लाई के लिये वरिष्‍ठतम अधिकारियों की ड्यूटी लगाना प्रारंभ कर दिया. लोगों को लगने लगा कि यदि उन्‍हें रेमडेसिविर नहीं मिली तो जान नहीं बचेगी. रेमडेसिव‍िर की सचाई यह है कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने नवंबर 2020 में ही इसे कोरोना की आवश्‍यक दवाओं की सूची से निकाल दिया था. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान अनावश्‍यक रूप से इसके उपयोग की सलाह देता रहा. अब उन्‍हें भी अकल आ गई है और 22 अप्रेल 2021 को जारी प्रोटोकॉल में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान ने कहा है कि रेमडसिव‍िर केवल उन्‍हीं को देने पर व‍िचार किया जाये जिन्‍हें ऑक्‍सीजन देने की आवश्‍यकता है और वह भी लक्षण प्रारंभ होने के 10 दिन के भीतर. रेमडेस‍िव‍िर देने के पहले किडनी फंकशन की जांच भी ज़रूरी है.

टोसिलीज़ूमैब (Tocilizumab) - टोसिलीज़ूमैब एक immunosuppressive दवा है जिसका उपयोग मुख्‍यत: rheumatoid arthritis (RA) के इलाज के लिये किया जाता है. यह interleukin-6 receptor (IL-6R) के व‍ि रुध्‍द humanized monoclonal antibody है. Interleukin 6 (IL-6) एक cytokine है जिसका महत्‍वपूर्ण रोल मानव immune response में होता है. हाल ही में चीन में कोव‍िड मरीजों में IL-6 का स्‍तर बढ़ने के कारण बहुत अधिक inflammation से होने वाली मृत्‍यु से बचाव के लिये इसका उपयोग किया गया. अमरीका में भी उसका उपयोग हो रहा है. भारत में भी बहुत से डॉक्‍टर इस नई दवा का उपयोग कर रहे हैं. परन्‍तु अमरीका के National Institutes of Health एवं Infectious Disease Society ने क्‍लीनिकल ट्रायल के अलावा अन्‍य प्रकार से इसका उपयोग नही करने की सलाह दी है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान ने भी कुछ व‍िशेष प्रकार के मरीजों को छोड़कर सामान्‍य रूप से इसका उपयोग नहीं करने के लिये कहा है.

प्‍लाज़मा (Plasma) - ऐसा माना जाता है क‍ि जिन व्‍यक्तियों को कोव‍िड हो चुका है उनके शरीर में कोवि‍ड वायरस के व‍िरुध्‍द एन्‍टीबॉडी बन चुकी है जो उनके प्‍लाज़मा में हैं. इसल‍िये ऐसे ठीक हो चुके व्‍यक्त्यिों का प्‍लाज़मा मरीजों के ल‍िये लाभकारी होगा. कुछ दिनों से प्‍लाज़मा के लिये भी बड़ी मारामारी हो रही है. इसके बारे में भी काफी भ्रम की स्थिति है. पहली बात तो यह कि सभी के शरीर में एक बराबर एन्‍टीबॉडी नहीं बनती हैं. दूसरी बात यह है क‍ि प्‍लाज़मा से मिली एन्‍टीबॉडी अधिक समय तक हमारे शरीर में नहीं रहती हैं. इसलिये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान की सलाह है क‍ि बहुत प्रारंभिक अवस्‍था में अधिक एन्‍टीबॉडी टाईटर का प्‍लाज़मा मिलने पर ही प्‍लाज़मा लगाया जाना चाहिये. बीमारी बढ़ जाने पर प्‍लाज़मा का कोई रोल नही है.

तो दोस्‍तों न तो स्‍वयं इन मंहंगी और अनावश्‍यक दवाओं के पीछे भागें और न ही किसी को इनके पीछे भागने की सलाह दें. सामान्‍य रोगियों को बाज़ार में सहज मिलने वाली दवाओं से ही आराम हो जायेगा.

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Comments :

Manjusha Tiwari On: 26/08/2021

Very useful information and motivational

Rajiv Ranjan Mishra On: 10/06/2021

सर प्रणाम आप अपना आशीर्वाद बनाये रखीये ।

Dr.Dinesh Mishra On: 30/04/2021

ज्ञानवर्धक लेख,धन्यवाद सर

Vinod Khupase On: 27/04/2021

Very important information

YASHWANT KUMAR CHOUDHARY On: 26/04/2021

Best info. Thanks Shukla sir ji and best team

AMIR MOHAMMED On: 26/04/2021

Very good information

AMIR MOHAMMED On: 26/04/2021

Very good information

AMIR MOHAMMED On: 26/04/2021

Very good information

DR PRADEEP JAIN On: 26/04/2021

I do not find any role of Vitamin C and D and Zinc also including what ever u mentioned

DR PRADEEP JAIN On: 26/04/2021

I do not find any role of Vitamin C and D and Zinc also including what ever u mentioned

DR PRADEEP JAIN On: 26/04/2021

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ANAND S GOLWALKAR, On: 25/04/2021

NICE INFORMATION & VERY TRUE

Manjusha Tiwari On: 25/04/2021

बेहद उपयोगी जानकारी

Manjusha Tiwari On: 25/04/2021

प्लाज्मा के लिए जिसे कोविड हुआ हो 21से 28दिन हुए हो तभी प्लाज्मा दे सकते है और वह व्यक्ति रक्त चाप की दवाई न खाता हो और डायबिटीज हो

Manjusha Tiwari On: 25/04/2021

मै भी मेरी सासु मां के लिए रेमेडेसीविर इंजेक्शन के लिए

Manjusha Tiwari On: 25/04/2021

मै भी मेरी सासु मां के लिए रेमेडेसीविर इंजेक्शन के लिए

Rajendra Jaiswal On: 25/04/2021

बहुत बढ़िया जानकारी आदरणीय सर जी 🙏🙏

Chani Airy On: 25/04/2021

True sir , लोग समझ ही नही पा रहे है। 4हजार से 45हजार तक दवाइया लेने तैयार है।.आज शोसल मिडीया की घटना है अलग अलग दो लोग बिल्कुल घबराए बैचेन से एक सिपला की दवाई डाक्टर ने बोली है कहा मिल रही कर के ढुढे पडे।है. । आपका लेख बहुत ही सरल भाषाई शैली मै ऐसे लोगो के लिए

Rajendra kunar kalet On: 25/04/2021

very good information sir ..otherwise a simple person sorrounded by fishnet of medical industries

Virendra Kumar shrivas On: 25/04/2021

जटिल मेडिकल जानकारी ,आम जनता को समझ में आने लायक अत्यंत सरल शब्दों में

Virendra Kumar shrivas On: 25/04/2021

जटिल मेडिकल जानकारी ,आम जनता को समझ में आने लायक अत्यंत सरल शब्दों में

Dr Y K Sona On: 25/04/2021

Well explained... Community organizations can help to spread this relevant information....

गोरेलाल barman On: 25/04/2021

बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी के लिए जय जोहार

AMIT Banerjee On: 25/04/2021

भाई पोस्ट बहुत सच्चा है जहां तक ramdisivir की बात है तो dr खासकर pulmonanri department के फिजिशियन को भी उसकी प्राथमिकता को देखते हुए उसका उपयोग होना चाहिए मरीज के अटेंडर को डराने की जरूरत नहीं होनी चाहिए जो अभी हो रहा है प्लाज्मा थैरेपी रिकवर covid मरीज से मिलता है इसमें किसी प्रकार का बंधन नहीं है इससे रिकवरी रेट fast होगा जब एंटीबॉडी वायरस को पहचान लेता है तो उसे multification करने से रोकता है

Dr Shubhra Garg On: 25/04/2021

बहुत ही सारगर्भित संदेश है आम जनता तक यह संदेश जरूर पहुंचना चाहिए

चंद्रशेखर खुंटे On: 25/04/2021

बहुत ही सुंदर भैया जी 🙏🙏

चंद्रशेखर खुंटे On: 25/04/2021

बहुत ही सुंदर भैया जी 🙏🙏

जितेंद्र शर्मा On: 25/04/2021

बहुत ही जानकारी प्रधान और उपयोगी लेख के लिए साधुवाद।

Prashant Golwalkar On: 25/04/2021

बेहद उम्दा पोस्ट, आपको पोस्ट के लिए साधुवाद, हरे कृष्ण।

Dr.chhabra ks On: 25/04/2021

Very nice and convincing guidance and information sir..

Najmunnisa sheikh On: 25/04/2021

Very clear nd convincing information Proper guidance nd awareness

Najmunnisa sheikh On: 25/04/2021

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Avlok Shukla On: 25/04/2021

These views are fully convincing. Infact it is very important to reveal the research based facts. More of the positive

Avlok Shukla On: 25/04/2021

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Dr Lakhesh chandra Madharia On: 25/04/2021

Thanks Dear for very good information but please also share what are basic things to be done to fight against covid

Anima Upadhyay On: 25/04/2021

बेहद आवश्यक जानकारी जो ज़्यादातर लोगों को नही मालूम

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