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नटखट नन्ही
टीचर: बच्चो,हम ऑक्सीजन के बिना जिंदा नहीं रह सकते.
ऑक्सीजन की खोज प्रीस्टले ने सन् 1774 में की थी.
नन्ही: तो फिर मैम उसके पहले लोग कैसे जिंदा रहते थे?
टीचर: नन्ही,तुम्हें शाकाहार के फायदे पता हैं ?
नन्ही: मैम,शाकाहार से आँखें कमजोर नहीं होतीं.
टीचर: पर तुम यह कैसे कह सकती हो?
नन्ही: मैम,मैंने आज तक किसी भी गाय या बकरी को चश्मा लगाए नहीं देखा है.
टीचर: नन्ही, किसी लंबी सी चीज का नाम बताओ.
नन्ही: रबर
टीचर: अच्छा, पर कैसे?
नन्ही: रबर को खींचकर आप जितना चाहें लंबा कर सकती हैं.
नन्ही: दादी, मम्मी कहती हैं कि मेरे सारे दाँत टूट जाएँगे. क्या सच में?
दादी: हाँ नन्ही,तुम्हारे दूध के दाँत टूट जाएँगे और नये दाँत आ जाएँगे.
नन्ही: अच्छा,तो मैं अपने दाँत आपको लाकर दूँगी,उन्हें आप लगा लेना.
नन्ही: पापा,मेरे लिए बाँसुरी खरीद दीजिए.
पापा: नहीं नन्ही, तुम बाँसुरी बजाकर सबको परेशान करोगी.
नन्ही: नहीं पापा, मैं बाँसुरी तभी बजाऊँगी जब आप सभी सो रहे होंगे.
नन्ही: दादी देखो,यह बिल्ली बातें करती है, यह अपना नाम भी बता सकती है.
दादी: अरे वाह! यह तो होशियार बिल्ली है. क्या नाम है इसका?
नन्ही: इसका नाम है,म्याऊँ.
पापा: नन्ही,क्या तुमने अखबार वाले का बिल देखा है?
नन्ही: नहीं पापा, पर क्या अखबार वाला बिल में रहता है?
मैं तो सोचती थी कि बिल में सिर्फ चूहे रहते हैं.
नन्ही: दादी,मैंने एक चीज़ ढूँढ़ी है जिससे हम दीवार की दूसरी ओर देख सकते हैं.
दादी: अरे वाह नन्ही! कहाँ है वह चीज? हमें भी दिखाओ.
नन्ही: यह रही, खिड़की.
नन्ही: मैम,क्या आप मुझे उस काम के लिए सजा देंगी
जो मैंने नहीं किया?
टीचर: नहीं नन्ही, पर तुम ऐसा क्यों सोच रही हो?
नन्ही: मैंने आज होमवर्क नहीं किया है न, इसलिए.
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