पेपर बैग
प्रस्तुतकर्ता एवं चित्र - अशोक कुमार राठिया सहायक शिक्षक प्रा.शा.डोंगदरहा,जिला कोरबा
प्राथमिक शाला डोंगदरहा के शिक्षक श्री अशोक कुमार राठिया के व्दारा स्कूल के बच्चों को पेपर बैग बनाना सिखाया गया है. पर्यावरण बचाना है, पेपर बैग अपनाना है के उद्देश्य से सभी बच्चों, पालकों, शिक्षकों व्दारा पेपर बैग का उपयोग करने का संकल्प लिया गया है एवं बच्चों के माध्यम से पालकों को भी पेपर बैग बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे वे स्वयं बैग बनाकर उपयोग करेंगे.
बचत बैंक
प्रस्तुतकर्ता एवं चित्र – विभा सोनी
ग्रामीण परिवेश में रहने वाले बच्चे बैंक की जानकारी के मामले में अनभिज्ञ होते हैं. उन्हे पैसे का सही उपयोग पता नहीं होता है. इसलिए मैंने अपनी शाला में पुट्ठों को काटकर एक बॉक्स का निर्माण किया. शाला में जाकर बच्चों को उस बॉक्स को दिखाया. इसके बाद मैंने बच्चों को बताया कि हर दिन जब हमारे माता-पिता हमें खाने आदि के लिए कुछ पैसे देते हैं तब उनमे से कुछ पैसे हम अपने बचत बॉक्स में डाल दें. धीरे-धीरे करके इसमें पैसे इकट्ठे हो जायेंगे जो हमें सही समय पर काम आयेंगे. एक ही दिन में मेरी शाला के कुछ बच्चों के द्वारा जमा करने पर 161 रूपये जमा हुये. इस तरह बच्चों ने बचत बैंक को जाना और समझा बचत बैंक पैसा जमा करने की एक बहुत ही अच्छी विधि है. मुश्किल समय में पैसा ही काम आता है. स्वयं और समाज के हित में वित्तीय जागरूकता ज़रूरी है. बचत बैंक के माध्यम से बच्चों में उत्तरदायित्व की भावना का विकास हुआ है.
लर्निंग छत
आलेख एवं चित्र - निरंजन लाल पटेल प्राथमिक शाला लामीखार
उद्देश्य:- लर्निंग छत के माध्यम से बच्चों कि चित्रकारी, कहानियों, कविताओं को एक रस्सी के माध्यम से लटकाना ताकि सभी बच्चे एक दूसरे की कविता एवं कहानी को देख सकें.
आवश्यक सामग्री:- पुराना कार्टून, चार्ट पेपर, कलरपेन, रस्सी एवं प्रकाशन हेतु स्कूल की छत.
क्रियान्वयन:- लर्निंग छत के प्रभारी शिक्षक निरंजन लाल पटेल व्दारा छात्रों से प्राप्त कविताओं एवं कहानियों को छत पर रस्सी के माध्यम से लटकाया गया ताकि सभी बच्चे आसानी से देख सकें.
लाभ:-
- लर्निंग छत बच्चों को अपनी और आकषिर्त करती है.
- बच्चे एक दूसरे की रचना को आसानी से देख पाते हैं.
- इससे बच्चों का व्यक्तित्व निचार रहा है और उनकी जिज्ञासा और भावनाएँ सामने आने लगी हैं.
- लर्निंग छत पर बच्चों केी हस्तकला को भी स्थान दिया गया है.
मेरा अनुभव:- बच्चे कबाड़ से जुगाड़ करके उनके व्दारा बनाई गयी हस्तकला को लर्निंग छत पर लटकता देखकर बहुत आनंदित होते हैं. इससे स्कूल की सुन्दरता मे भी निखार आता है और इससे बच्चों की प्रतिभा भी निखरती है.