सामान्य ज्ञान - तंग्राम

लेखिका एवं चित्र - आशा उज्जैनी

तंग्राम एक रोचक खेल है. इसे हर जगह अपने साथ आसानी से लेकर भी जाया जा सकता है और अन्य बच्चों के साथ मिलकर खेला भी जा सकता है.

तंग्राम का आविष्कार चीन में हुआ माना जाता है. चीन में इसे - ची चिओ पेन के नाम से जाना जाता है. जिस तरह तंग्राम एक रोचक खेल है, वैसे ही इसके आविष्कार की कहानी भी रोचक है. चीन के राजा के लिए एक बार उसके सेवक एक स्कवॉयर शीशा लेकर आ रहे थे. गलती से वह शीशा गिरकर टूट गया, मजे की बात यह थी कि शीशा गिरकर चकनाचूर नहीं हुआ बल्कि स्पष्ट सात टुकड़ों में बंट गया. सेवकों ने शीशे के उन सात टुकड़ों को वापस चौकोर आकार में जोड़ने के लिए बहुत प्रयत्न किया. सेवक जितनी बार टुकड़ों को जोड़ने के लिए समायोजित करते हर बार उन्हें एक नई आकृति मिलती. सेवकों को इस खेल में बड़ा मजा आया और उन्होंने राजा को शीशे के ये सात टुकड़े पज़ल के रूप में पेश किए. राजा ने भी इस खेल को बहुत पसंद किया. धीरे-धीरे यह खेल पूरे चीन में खेला जाने लगा. 18वीं शताब्दी के मध्य में चीन के किसी व्यक्ति ने तंग्राम को जहाज के जरिए अमेरिका में रह रहे किसी बच्चे को गिफ्ट में भेजा था. 19वीं शताब्दी तक यह अमेरिका से यूरोप में और फिर दुनिया भर में जाना जाने लगा.

तंग्राम को बाजार से खरीदकर लाया जा सकता है या इसे किसी स्कवॉयर गत्ते या कार्डबोर्ड से घर पर भी बनाया जा सकता है. इसकी सात ज्यामितीय आकृतियों में पांच त्रिकोण, एक वर्ग और एक सामानांतर चतुर्भुज होता है. इसके दो बड़े त्रिकोणों का आकार मध्यम आकार के त्रिकोण से दोगुना तथा मध्यम आकार के त्रिकोण का आकार छोटे आकार के त्रिकोण से दोगुना होता है. इसी तरह स्कवॉयर टुकड़े का क्षेत्रफल छोटे आकार के त्रिकोण के क्षेत्रफल से दोगुना और समानांतर चतुर्भुज का क्षेत्रफल स्कवॉयर टुकड़े के बराबर रखा जाएगा.

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