पहेलियाँ

प्रस्तुँतकर्ता - टीकेश्वर सिन्हा 'गब्दीवाला'

  1. तरुवर में शान इनकी
    सकल अंग कड़ुवापन
    जड़ से पाती औषधि
    बताओ तो बेटा सपन
  2. धीरे-धीरे वह चलता है
    पेड़ों पर भी चढ़ता है
    ओढ़ इक काली रजाई
    मजे से खाये रस-मलाई
  3. एक डॉक्टर ऐसा भी
    घर आय बिन बुलाय
    फोकट में सुई लगाय
    कभी दर्द कभी खुजलाय
  4. हाय ! हाथ की नहीं मिटी मेहंदी
    माथ का सिंदूर हुआ उदास
    इन पंक्तियों में बताओ तो तुम
    किस काव्यरस का है वास
  5. एक सोफ़ा आकाश में
    बूझिए भैय्या आप
    जिसमें बैठी दादी माँ
    देखती हमें चुपचाप

उत्तर :- 1. नीम का पेड़. 2. भालू. 3. मच्छर. 4. करूण रस. 5. चाँद.

Visitor No. : 6719826
Site Developed and Hosted by Alok Shukla