पहेलियाँ
रचनाकार - टीकेश्वर सिन्हा 'गब्दीवाला'
- एक महल में है
एक प्रमुख व्दार
जहाँ बैठी इक महारानी
और बत्तीस पहरेदार
- एडिसन ने किया खोज
घर-घर दिखता रोज
रोशनी नित फैलाता है
अंधेरा दूर भगाता है
- एक गुरू की आज्ञा से
एक चेला चले अकेला
बहता जल थाम दिया
कौन गुरू कौन चेला
- बालक में मैं इक बार
बलशाली में आऊँ दुबारा
नहीं मिलूँगा तुम्हें बजट में
बताओ तो मैं कौन हूँ यारा
- कई रंगों में परिधान मेरा
मैं कलगी से सर सजाऊँ
बादल गरजे पानी बरसे
मैं परिन्दा नाचूँ-गाऊँ ।
उत्तर - 1. मुँह, जीभ और दाँत; 2. बिजली का बल्ब; 3. गुरू धौम्य और आरुणि; 4. ल वर्ण; 5. मोर.