संस्मरण सृजन के झरोखे से स्कूल के गलियारे तक

लेखिका - आशा उज्जैनी

प्रदेश के स्कूली शिक्षा प्रयोगशाला से कम नहीं. बीते 10 सालों में शिक्षा गुणवत्ता के लिए आधा दर्जन से अधिक योजनाएं लागु की गई. इन योजनाओं को जब तक शिक्षक समझ पातेऔर छात्रों को सिखाते तब तक नियम ही बदल जाते है. मेरी नियुक्ति सरकारी स्कूल में हुई है. मेरा अध्यापन विषय गणित है, लेकिन स्कूल व्यवस्था के तहत मुझे हिंदी एवं विज्ञान विषय अध्यापन का अवसर मिला. ऐसे में मैंने क्रियात्मक दृष्टिकोण की राह अपनाई. हिंदी अध्यापन को रोचक और प्रभावशाली बनाने एवं पाठ को जल्दी और ज्यादा समय तक याद रखने के लिए छात्रों को पाठ से सम्बंधित चित्र बनवाना, मुख्य बिंदुओं को क्रमबध्दल कर लिखने को कहना, फिर पाठ के सारांश को चित्र व लेख के द्वारा छात्रों व्दारा एक एक करके अभिव्यक्ति और वर्णन करना. हम जानते है की दृश्य और श्रव्य में, दृश्य या देख कर पढंने से जयादा समय तक याद रहता है, और मष्तिष्क में याददाश्त में रहता है. जल्दी नहीं भूलते हैं. मैंने विज्ञान शिक्षण को प्रभाव शाली बनाने पुस्तक में दिए प्रयोग और स्वयं की समझ से एक नए रूप में छात्रों को सीखने का प्रयास किया. जैसे चुम्बक, पौधे के भाग, मशीन, अपशिष्ट प्रबंधन, गति इत्यादि को समझाने के लिए लैपटॉप पर यू ट्यूब की सहायता से विषय एवं टॉपिक से सम्बंधित वीडियो दिखाना इससे उनकी समझ बनती है, समझ विकसित होती है. इसके बाद पाठ का वर्णन करती हूँ. फिर छात्र मेरे मार्गदर्शन में चार्ट पेपर पर चित्र बनाकर, स्वयं प्रयोग करके सीखते हैं.

प्रत्येक कक्षा में गणित कार्नर का निर्माण, चार्ट पेपर एवं सहायक सामग्री व्दारा गणित विषय से सम्बंधित सूत्रों ,प्रमेय ,परिभाषा ,पहाड़ा को प्रदर्शित किया गया है. मैथ्स लैब, गणित मेला का आयोजन करती हूं.

कामीशिबाई थिएटर व्दारा विषय अध्यापन करना, मुस्कान पुस्तकालय का निर्माण, जिसमे शिक्षण समिति के व्दारा पुस्तकों का संकलन एवं उनका उपयोग किया जाता है.

माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम के लिये प्रत्ये क तिमाही तथा छै माही परीक्षा फल माताओं की उपस्थिति में प्रथम, व्दि्तीय, तृतीय स्थान प्राप्त छात्रों को सम्मानित करना, सबसे अधिक उपस्थिति वाले छात्रों एवं उनकी माताओ को श्रीफल देकर सम्मान देना एवं प्रोत्साहित करना आदि किया जाता है.

बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिये स्कूल में शिक्षकों की उपस्थिति में छात्रों को पोस्को कानून की जानकारी एवं पोस्को बॉक्स बनाकर स्कूल में रखा गया है. छात्राओं को हेल्थ एवं हाईजीन अवेयरनेस प्रोग्राम के जरिये अपने शरीर की सफाई,भोजन खान-पान , रहन-सहन के विषय में विस्तार पूर्वक बताया गया.

स्वच्छता जागरूकता के लिए रैली, गांव मे हस्ताक्षर अभियान, छात्रों, शिक्षण समिति, शिक्षकों व्दारा स्कूल एवं गांव की सफाई करना आदि कार्यक्रम किये गए. छात्रों के व्दारा नुक्कड़ नाटक के जरिये, चित्रकला, निबंध लिखकर, पोस्टर बना कर स्वछता सन्देश दिया गया.

प्रतिवर्ष वार्षिक परीक्षा के पश्चात समर कैंप में कलात्मक एवं क्रियात्मक विकास के लिए छात्रों को आर्ट एंड क्राफ्ट, पुरानी एवं बेकार वस्तुओं का उपयोग कर पेन स्टैंड, गुलदस्ता निर्माण, रंगीन कागज से आकृति बनाना, अनेक प्रकार की पेंटिंग जैसे थंब पेटिंग, हैंड पेंटिंग, स्टोन पेंटिंग, पेपर फोल्डिंग से आकृति बनाना, योग व्यायाम, नैतिक शिक्षा आदि का समावेश कि‍या गया. इसके अतिरिक्त छात्र छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए बालसभा का आयोजन जिसमे कहानी, चुटकुले, गाना,पहेलियाँ पूछना आदि भी किया जाता है.

किसी को देने का सुख, मदद करना, सहायता करना ये अच्छी सोच विकसित करने के लिए छात्रों को पुस्तकों का दान करने के लिए प्रेरित करना एवं दान उत्सव मानना आदि भी किया जाता है. स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मष्तिष्क निवास करता है. छात्रों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए खेलकूद का आयोजन किया जाता है.

महापुरुषों की जयंती, प्रमुख राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दिवसपर चित्रकला, मेहंदी, निबंध, गाना, नृत्य, रंगोली बनाना, त्यौहार, विदाई समारोह, कक्षा की सजावट करना, यातायात के नियमों को बताना, स्कूल परिसर में वृक्षारोपण कर हरा-भरा बनान, प्रार्थना सभा में आज का विचार, आज की खबर, सामान्य ज्ञान, अनुशाशन एवं नैतिक मूल्यों के संबंध में बताया जाता है.

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