हंसगुल्ले
एक राहगीर छोटा जूता पहन कर जा रहा था.
मुन्ना - अंकल, जूता कहाँ से लिया है ?
राहगीर (गुस्से से) - पेड़ से तोड़ा है.
मुन्ना- तोड़ना ही था तो दो महीने बाद तोड़ते. कम से कम आपके पैर के साइज के तो हो जाते.
पापा –नालायक कम से कम एक बुक तो खोल कर देख लिया कर.
नितिन – क्या बात करते हो पापा, एक बुक तो रोज खोलकर देखता भी हूँ और पढता भी हूँ.
पापा- कौन सी बुक ?
नितिन- फेसबुक !
पुलिस टीचर से – इस लड़की ने आपकी शिकायत की है कि आपने इस पर जेंडर परिवर्तन का दबाव बनाया है.
टीचर – ये सरासर गलत इल्जाम है.
लड़की- पुलिस अंकल आप पूरी क्लास से पूछ लीजिए, सर ने सबके सामने ही मुझे मुर्गा बनने को कहा था, मुर्गी बनने को कहते तो ठीक था एक लड़की मुर्गा कैसे बन सकती है ?