छत्तीसगढ़ी जनउला

संकलनकर्ता - सुनीला फ्रेंकलिन

1) बीच तरिया में टेड़गी रूख।
【 चिंगरी 】

2) फाँदे के बेर एक ठन, ढीले के बेर दू ठन।
【 दतवन 】

3) ठुड़गा रूख म बुड़गा नाचे।
【 टंगिया 】

4) कारी गाय कलिन्दर खाय, दुहते जाय पनहाते जाय।
【 कुँआ 】

5) अँउर न मँउर, बिन फोकला के चउँर।
【 मउहा 】

6) नानचून टूरा, कूद-कूद के पार बाँधे।
【 सुई 】

7) तरिया पार में फट-फीट, तेकर गुदा बड़ मिठ।
【 नरियर 】

8) तरी बटलोही उपर डंडा, नइ जानही तेला परही डंडा।
【 जिमीकांदा 】

9) एकझन कहे संझातिस झन, दूसर कहे पहातिस झन।
【 दिन-रात 】

10) एकठन थारी में दु ठन अंडा, एक गरम एक ठंडा।
【 सुरुज चंदा 】

11) पूछी में पानी पियय, मूँड़ी ललीयाय।
【 दिया 】

12) जरकुल ददा, निरासा दाई, फूलमत बहिनी, फोदेला भाई।
【 कुम्हड़ा 】

13) करिया बईला बैठे हे, लाल बईला भागत हे।
【 आगी 】

14) दुरूग के डोकरी, पाछु डाहर मोटरी।
【 मेकरा 】

15) पीठ कुबरा पेट चिरहा, नई जानही तेकर चाल किरहा।
【 कौड़ी 】

16) छितका कुरिया में बाघ गुर्रावय।
【 जांता 】

17) हरियर भाजी, साग में न भात में, खाय बर सुवाद में।
【 पान 】

18) काँटे मा कटाय नहीं, भोंगे मा भोंगाय नहीं।
【 छाया 】

19) उपर पचरी नीचे पचरी, बीच में मोंगरी मछरी।
【 जीभ 】

20) पानी के तीर-तीर चर बोकरा, पानी अँटागे मर बोकरा।
【 दिया 】

21) तीन गोड़ के टेटका मेरेर-मेरेर नरियाय, पाछू डाहर खुँदे त आगू डाहर हड़बड़ाय।
【 ढेंकी 】

22) नानकुन टूरा, गोटानी असन पेट, कहाँ जाथस टूरा, रतनपुर देश।
【 नरियर 】

23) दिखे में लाल लाल, छिये में गूज-गूज, हा दाई चाबदिस दाई बड़ेेक जन बूबू।
【 मिर्चा 】

24) ओमनाथ के बारी म, सोमनाथ के काँटा, एक फूल फूले, त पचीस पेंड़ भाँटा।
【 भसकटैया 】

25) एक सींग के बोकरा मेरेर-मेरेर नरीयाय, मुहु डाहन चारा चरे, पाछु डाहन पघुराय।
【 जांता 】

26) सुलुँग सपेटा फुनगी में गाँठ, नई जानही तेकर नाक लकाँट।
【 बाँस 】

27) फूल-फूले रिंगी-चिंगी, फर फरे लमडेरा
【 मुनगा 】

28) नानकुन मटुकदास, ओहना पहिनय सौ पचास।
【 प्याज, गोंदली 】

29) आय लूलू जाय लूलू, पानी ल डर्राय लूलू।
【 जूता 】

30) पानी के भीतर काँस के लोटा
【 अंडा 】

31) तनक से फुदकी फुदकत जाय, नौ से औड़वा पारत जाय।
【 सुई 】

32) अइठे गोइठे पार म बइठे।
【 पगड़ी 】

33) सुक्खा तरिया म कोकड़ा फड़फड़ाय।
【 लाई 】

34) बीच तरिया म, गोबर चोता।
【 कछुवा 】

35) फरय न फुलय सूपा सूपा टूटय।
【 राख 】

36) अरी अउ सरी, लुगरा कस धरि, पांजर म फूल फुलय, माथा म फरी।
【 जोंधरी 】

37) नांनकन लईका दु कौरा खाय बोडरी ल दबाबे त रस्ता दिखाय ।
【 टार्च 】

38) उचकी घोड़ा म पुचकि लगाम, उहूम बइठय ससुर दमांद।
【 बाल्टी, रस्सी अउ कुँवा 】

39) नाक बइठ के कान धर, मारय कोने शान । बइठे-बइठे जेन हा, करत रहय पहिचान ।
【 चश्मा 】

40) एक झन फकीर जेखर पेट म लकीर।
【 गेहु】

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