समझदारी

लेखिका - श्वेता तिवारी

किसी जंगल में दो चिड़िया रहती थी. सुधी और शुभी. दोनों में बहुत ही प्रेम था. एक दिन की बात है जंगल में एक शिकारी आया. पिजरे में दाना डाला दाना देखकर सुधी उतावली हो गई और पिंजरे में गई दरवाजा बंद हो गया. शुभी बाहर जोर जोर से रोने लगी. शिकारी उसे घर ले गया. सुबह शिकारी उसी स्थान पर गया. शुभी जोर जोर से रो रही थी. शिकारी ने पूछा – ‘तुम क्यो रो रही हो’. तब शुभी ने कहा – ‘मैं अकेली हो गई हूँ. मुझे मेरी बहन की बहुत याद आ रही है.’ जब शिकारी घर आया तो उसने सुधी को सारी बातें बताईं. तब सुधी ने उससे कहा – ‘अगर अब शुभी मिले तो कहना उसकी बहन राजी खुशी से है.’ शिकारी अगले दिन जंगल गया और शुभी से कहने लगा कि तुम्हारी बहन सुधी राजी खुशी से है. तुम कैसी हो? शुभी ने थोड़ी देर सोचा और फिर बोली – ‘मैं बीमार हूँ. लगता है कि अभी प्राण निकल न जाएं.’ इतना कहकर शुभी पेड़ से नीचे गिर गई. शिकारी ने उसे उठाकर देखा फिर झाड़ियों में फेक दिया. शुभी थोड़ी देर बाद उड़कर पेड़ पर जा बैठी. शिकारी घर गया तो उसने देखा कि सुधी पिजरें में मरी पड़ी है. शिकारी यह देखकर बहुत दुखी हुआ. उसने सुधी को निकाल कर बाहर फेक दिया. थोड़ी देर बाद सुधी उड़ते-उड़ते जंगल में चली गई जहाँ उसकी बहन शुभी इंतज़ार कर रही थी. इस तरह दोनों बहने मिलकर फिर रहने लगीं.

शिक्षा - विपत्ती में हमें समझदारी से काम लेना चाहिए.

Visitor No. : 6716694
Site Developed and Hosted by Alok Shukla