बालगीत

प्यार के पंछी

लेखक - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नन्हे – नन्हे प्यारे पंछी,
लगते सबसे न्यारे पंछी.

फुदक - फुदक कर आते पंछी,
खटपट से उड़ जाते पंछी.

चीं-चीं, चूं-चूं करते पंछी,
रंग रंगीले न्यारे पंछी.

कभी पेड़ पर, कभी गगन में,
उड़ते औ मंडराते पंछी.

छत पर दाना डालो तो,
झट से फिर आ जाते पंछी.

डरते-डरते दाना चुगते,
फुर से फिर उड़ जाते पंछी.

लाल - हरे, नीले औ पीले,
मेरे बड़े दुलारे पंछी.

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